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अयोध्या की पवित्र भूमि एक बार फिर रोशनी और राजनीति दोनों से जगमगा उठी। जहां लाखों दीयों की लौ ने भगवान राम की नगरी को प्रकाशमय बना दिया, वहीं मंच से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने तीखे शब्दों से सियासी माहौल गर्म कर दिया। दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर योगी ने भावनाओं को छूते हुए कहा, “उन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलाईं, हमने अयोध्या को दीयों से सजाया।”
सपा पर सीधा वार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं, वे 2024 में मंदिर के भव्य उद्घाटन में कभी शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने गोलियां चलाईं, वे राम मंदिर के अभिषेक के लिए कभी नहीं आए। राम मंदिर आंदोलन के दौरान मंदिर निर्माण रोकने के लिए अधिवक्ताओं को तैनात किया गया था। उन्होंने गोलियां चलाईं, जबकि हमने दीये जलाए।”
1990 की घटना का जिक्र
योगी आदित्यनाथ का इशारा स्पष्ट रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की ओर था, जिन्होंने 1990 में बाबरी मस्जिद जिस स्थान पर अब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर स्थित है की ओर मार्च कर रहे कारसेवकों पर पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था।
“सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं”
योगी ने कहा, “प्रत्येक दीपक हमें याद दिलाता है कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता। सत्य की नियति विजयी होना है और इसी विजय की नियति के साथ सनातन धर्म ने 500 वर्षों तक निरंतर संघर्ष किया है। इन्हीं संघर्षों के परिणामस्वरूप अयोध्या में भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हुआ है।”
इतिहास के पन्नों में दर्ज वह दिन
अक्टूबर 1990 में, मुलायम सिंह यादव ने लालकृष्ण आडवाणी और बाबरी मस्जिद की ओर मार्च कर रहे श्रद्धालुओं पर पुलिस कार्रवाई का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था, “उन्हें अयोध्या में घुसने की कोशिश करने दीजिए, हम उन्हें कानून का मतलब समझाएँगे।”
हालाँकि आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया था, पर अयोध्या में हजारों कारसेवक पहुँच चुके थे। जैसे ही उन्होंने आगे बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने गोलियां चलाईं — जिससे भगदड़ मच गई और कई श्रद्धालु मारे गए।
500 साल के संघर्ष का उजाला
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दीपोत्सव न सिर्फ अयोध्या की भव्यता का प्रतीक है, बल्कि उन 500 वर्षों के संघर्ष की जीत का उत्सव भी है — जब हर दीया यह संदेश देता है कि “सत्य को रोका जा सकता है, मिटाया नहीं जा सकता।”
Saurabh Dwivedi