
जबलपुर रेलवे स्टेशन पर यह घटना आम लोगों की सुरक्षा और उनके रोजमर्रा के संघर्ष की याद दिला देती है। एक साधारण यात्री, जो अपने घर लौटने के लिए ट्रेन पकड़ रहा था, अचानक एक विक्रेता के गुस्से का शिकार हो गया। उसे अपनी कलाई की घड़ी तक सौंपनी पड़ी ताकि वह अपनी ट्रेन पकड़ सके। यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि उस भय और मजबूरी की कहानी है जिसे आम आदमी कभी-कभी सार्वजनिक स्थानों पर झेलता है। लोग इसे देखकर अपने अधिकार और सुरक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं
जबलपुर रेलवे स्टेशन पर एक परेशान करने वाला मामला सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा है कि एक यात्री को सामोसे का भुगतान नहीं होने पर अपने कलाई की घड़ी एक विक्रेता को देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
क्या हुआ घटना में
यात्री ने बताया कि उन्होंने स्टेशन पर एक सामोसे खरीदे और PhonePe के माध्यम से भुगतान करने की कोशिश की, लेकिन UPI ट्रांजैक्शन सफल नहीं हुआ। जब ट्रेन चलने लगी, यात्री सामोसे लौटाने की कोशिश करने लगे।
वीडियो में देखा जा सकता है कि विक्रेता यात्री का कॉलर पकड़ कर गुस्से में कह रहा है कि आप समय बर्बाद कर रहे हैं और बहाने बना रहे हैं। उसने यात्री को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति तभी दी जब उसने भुगतान किया। यात्री, अपनी ट्रेन पकड़ने के प्रयास में अपनी कलाई की घड़ी विक्रेता को सौंपने को मजबूर हो गए।
वीडियो वायरल और प्रतिक्रिया
इस वीडियो को एक उपयोगकर्ता ने X (Twitter) पर शेयर किया और इसे “जबलपुर रेलवे स्टेशन पर शर्मनाक घटना” बताया। वीडियो देखने के बाद जनता में आक्रोश फैल गया। घटना की पुष्टि हुई कि यह 17 अक्टूबर को हुआ था।
रेलवे प्रशासन की कार्रवाई
जबलपुर के डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) ने सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि: विक्रेता की पहचान कर ली गई है। आरपीएफ ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे कस्टडी में ले लिया। इसके अलावा, विक्रेता का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। रेलवे प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
लोगों के लिए संदेश
यह घटना यात्रियों के लिए चेतावनी है कि किसी भी अत्यधिक व्यवहार या जबरन वसूली की स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और प्रशासन हमेशा ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं।
Saurabh Dwivedi