केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लंबे समय से भारत में बायो-एथेनॉल को बढ़ावा दे रहे हैं। बुधवार को उन्होंने फिर साफ कहा कि आने वाले सालों में एथेनॉल आधारित गाड़ियां भारत की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और किसानों तीनों के लिए फायदेमंद साबित होंगी।
गडकरी खुद फ्लेक्स-फ्यूल कार में पहुंचे कार्यक्रम में
गडकरी एक फ्लेक्स-फ्यूल कार में सवार होकर कार्यक्रम में पहुंचे। यह कार 100% बायो-एथेनॉल पर चलती है। उन्होंने बताया कि एथेनॉल 65 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल का 120 रुपये है इसके साथ यह कार चलते-चलते 60% बिजली खुद बनाती है। यह एक ग्रीन फ्यूल है, जो प्रदूषण कम करता है।
#WATCH दिल्ली | फ्लेक्स फ्यूल कार में सवार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "यह कार 100% बायो-इथेनॉल पर चलती है। पेट्रोल की तुलना में, इथेनॉल की कीमत 65 रुपये प्रति लीटर है। चलने के दौरान, कार 60% बिजली बनाती है। इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और हमारे देश के किसानों को… pic.twitter.com/nz9LzP9vAU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2025
गडकरी ने कहा कि अगर देश में एथेनॉल का उपयोग बढ़ेगा तो “प्रदूषण कम होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और पेट्रोल आयात पर निर्भरता घटेगी।”
दोपहिया वाहन भी अब 100% एथेनॉल पर
उन्होंने बताया कि कई बड़ी कंपनियां बजाज, टीवीएस, हीरो, होंडा, सुजुकी—अब ऐसे दोपहिया वाहन बना रही हैं जो पूरी तरह एथेनॉल पर चलेंगे। फिलहाल भारत में पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाया जा रहा है, लेकिन लक्ष्य है कि आने वाले सालों में एथेनॉल पूरी तरह पेट्रोल का विकल्प बन जाए।
ट्रैक्टर भी आ गए एथेनॉल-सीएनजी में
किसानों को ध्यान में रखते हुए अब एथेनॉल-सीएनजी से चलने वाला ट्रैक्टर भी बाजार में पेश किया जा रहा है। इससे खेती का खर्च कम होगा और पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा।
इथेनॉल कैसे बनेगा? – किसानों को बड़ा अवसर
गडकरी ने बताया कि एथेनॉल बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल किसान ही उपलब्ध कराएंगे, जैसे:
टूटे हुए चावल
मक्का
गन्ने का रस
गुड़
चावल का भूसा
इनसे बने एथेनॉल से देश में प्रदूषण घटेगा, आयात कम होगा और गाँवों में रोजगार बढ़ेगा।
देश में 550 एथेनॉल प्लांट – IOC ने खोले 400 पंप
फिलहाल भारत में 550 एथेनॉल उत्पादन संयंत्र चल रहे हैं। एथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल (IOC) अब तक 400 एथेनॉल पंप खोल चुकी है।
माइलेज थोड़ा कम, लेकिन ईंधन पूरी तरह सुरक्षित
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन ने बताया कि एथेनॉल ईंधन से चलने वाले वाहनों का माइलेज 2%–4% कम हो सकता है, लेकिन “ईंधन पूरी तरह सुरक्षित और पर्यावरण के लिए बेहतर है।”
फ्लेक्स फ्यूल कार क्या होती है?
फ्लेक्स फ्यूल कार ऐसी कार होती है जो एक से ज्यादा ईंधन पर चल सकती है। यह कार पेट्रोल के साथ-साथ एथेनॉल और पेट्रोल के मिश्रण पर भी चलती है जैसे E20, E85 आदि। फ्लेक्स फ्यूल कार ऐसी गाड़ी जिसका इंजन पेट्रोल और एथेनॉल दोनों को पहचानकर खुद को उसी अनुसार एडजस्ट कर ले।
कैसे काम करती है?
इसमें खास प्रकार का इंजन और सेंसर होते हैं। ये सेंसर टैंक में डाले गए ईंधन का मिश्रण पहचान लेते हैं। फिर इंजन अपने आप उसी हिसाब से फ्यूल सप्लाई और पावर को एडजस्ट कर देता है।
Saurabh Dwivedi


