
महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद ने सोमवार को हिंसात्मक रूप ले लिया, जिससे पूरे नागपुर में उथल-पुथल मच गई। दो गुटों के बीच झड़प में पत्थरबाजी के साथ-साथ कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान पुलिस टीम पर भी हमला हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस हिंसा में घायल एक व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई है।
17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसा में घायल 38 वर्षीय इरफान अंसारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें गंभीर चोटों के बाद मेयो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के समय इरफान इटारसी जंक्शन रेलवे स्टेशन जा रहे थे, तभी हिंसा भड़क उठी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
मृतक के भाई का बयान:
इरफान अंसारी के भाई इमरान अंसारी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, "हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन हम उसे नहीं बचा पाए। डॉक्टरों ने भी पूरा इलाज किया, लेकिन वह नहीं बच पाया। मेरा भाई इरफान ऑटो से इटारसी जंक्शन स्टेशन जा रहा था, लेकिन रास्ते में ऑटो चालक ने कहा कि वह आगे नहीं जाएगा क्योंकि माहौल ठीक नहीं है। इसके बाद इरफान ने पैदल रेलवे स्टेशन जाने का फैसला किया। रास्ते में कुछ अज्ञात लोगों ने उस पर हमला किया, जिससे वह बेहोश हो गया। उसकी सिर, पैर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। उसने हमें बताया था कि उस पर हमला किया गया था। हम आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग करते हैं ताकि भविष्य में ऐसा हादसा किसी के साथ न हो।"
दंगाइयों की संपत्ति जब्त की जाएगी:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि नागपुर हिंसा के दौरान की गई संपत्तियों के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी। यदि दंगाइयों ने भुगतान नहीं किया, तो उनकी संपत्तियों को जब्त कर बेचा जाएगा।
104 दंगाइयों की पहचान:
मुख्यमंत्री फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियो का विश्लेषण करने के बाद 104 दंगाइयों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 92 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है, जिनमें 12 नाबालिग भी शामिल हैं।
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नागपुर हिंसा ने शहर को झकझोर कर रख दिया है और प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठा रहा है।
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