
Neetu Pandey, नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी 5 जून 2023 को अपना जन्मदिन मना रहे है. सीएम योगी 51 साल के हो गए है. इस मौके पर देशभर से उन्हें ढेरों शुभकामनाएं मिल रहे है. इसी बीच सीएम योगी ने आज गोरखनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक से अपने दिन की शुरुआत की. आज यानी 5 जून को पूरी दुनिया में विश्र्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. लेकिन इस पूरी डबल खुशी का माहौल होता है. एक तो विश्र्व पर्यावरण दिवस और दूसरा योगी आदित्यनाथ का जन्मदिवस दोनों ही बेहद खास है.
आज योगी आदित्यनाथ रुद्राभिषेक जनता दर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जुटे फरियादियों की समस्या को सुनकर वहां मौजूद अधिकारियों को समाधान का आदेश दिया. सीएम योगी के जन्मदिवस के दिन प्रदेश के कई जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. इस खास दिन पर काशी में विशेष गंगा आरती की गई. विश्र्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएम योगी ने पौधारोपण कर देशवासियों की इसकी बधाई दी.
वहीं आपको बता दें कि इस खास अवसर पर लखनऊ सहित कई शहरों में शांतनु गुप्ता द्वारा लिखी गई ग्राफिक नावल को आज यानी सोमवार को जारी किया जाएगा. इस पुस्तक में सीएम योगी के बचपन से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक की सफर को दर्शाया गया है. 'अजय टू योगी आदित्यनाथ' नामक इस ग्राफिक नावल को 20 जिलों के 51 स्कूलों में 5000 बच्चों की उपस्थिति में जारी किया जाएगा. इन कार्यक्रमों में विधायक सासंद मंत्री और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे. पहली बार ऐसा होगा कि इतने लोग एक किताब को एक साथ लॉन्च करेंगे. यह एक तरह का रिकॉर्ड होगा.
विज्ञान से स्नातक छात्र गोरखनाथ पीठ के महंत और उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की कहानी बेहद ही दिलचस्प है और कड़ी इसके पीछे सीएम योगी की कड़ी मेहनत है. योगी आदित्यनाथ कुल 7 भाई-बहन हैं. योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ठ है. योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ठ चाहते थे कि अजय सिंह बिष्ट चाहते थे कि अजय उनके ट्रांसपोर्ट के बिजनस में मदद करें लेकिन इस व्यापार में अजय सिंह बिष्ट की दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी से मैथ्स में बीएससी की डिग्री हासिल की.
साल 1993 में एक दिन नौकरी का बहाना देकर अजय घर छोड़कर गोरखपुर चले गए। एक साल तक उनके घर वालों को कुछ पता नहीं था कि उनका बेटा कहां है? कहते हैं कि इस दौरान योगी ने अपने पिता को कई बार पत्र लिखा लेकिन उन्हें उनके पते पर कभी नहीं भेजा। 15 फरवरी 1994 को महंत अवेद्यनाथ ने अजय सिंह बिष्ट को गोरखपंथ की दीक्षा दी। इस दौरान अजय योगी आदित्यनाथ बन गए। इसके चार साल बाद ही 1998 में अवेद्यनाथ ने योगी को गोरखनाथ मठ के साथ-साथ अपनी राजनैतिक विरासत का भी उत्तराधिकारी बना दिया.