श्रीलंका में चक्रवात ‘दित्वा’ से बाढ़ और भूस्खलन के बीच पाकिस्तान की भेजी राहत सामग्री अंतरराष्ट्रीय विवाद का कारण बन गई। राहत सामग्री में कई आइटम एक्सपायर पाए गए, जिससे कोलंबो में नाराजगी बढ़ी। श्रीलंका के आपदा प्रबंधन और विदेश मामलों के अधिकारियों ने पाकिस्तान से औपचारिक स्पष्टीकरण मांगा।
चक्रवात ‘दित्वा’ की तबाही
28 नवंबर को आए चक्रवात से श्रीलंका में भारी तबाही हुई।
132 से अधिक मौतें
176 लोग लापता
लगभग 78,000 लोग विस्थापित
कोलंबो और आसपास के इलाकों में सबसे अधिक नुकसान हुआ।
पाकिस्तान का राहत प्रयास और प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने तत्काल सहायता का दावा करते हुए नौसेना के जहाज से राहत सामग्री भेजी। इसमें भोजन पैकेट, दवाएं, प्राथमिक चिकित्सा किट, तंबू और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं। पाकिस्तान के दूतावास ने ट्वीट कर इसे ‘अटूट एकजुटता’ का प्रतीक बताया लेकिन अधिकारियों की जांच में कई पैकेटों पर 2024 की एक्सपायरी डेट मिली। मेडिकल सप्लाई और फूड आइटम खराब पाए गए, जिससे राहत प्रभावितों के लिए उपयोगी साबित नहीं हुई और उसके बाद पाक ने एक्स से पोस्ट भी डिलीट कर दिया।
पूर्व घटनाओं का संदर्भ
2015 में नेपाल भूकंप के दौरान भी पाकिस्तान की राहत सामग्री विवादित रही थी। उस समय बीफ युक्त पैकेट भेजे गए थे, जिससे स्थानीय नाराजगी फैली थी। श्रीलंका में हुई हालिया घटना ने पाकिस्तान की राहत प्रक्रिया और मंशा पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
श्रीलंका की नई नीति: विदेशी राहत की सख्ती
श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा कि अब सभी अंतरराष्ट्रीय राहत सामग्री की कड़ी जांच की जाएगी। खासकर उन देशों के लिए जिनका अतीत संदिग्ध रहा है। यह कदम न केवल जन सुरक्षा के लिए, बल्कि देशों के बीच राजनयिक संबंधों के लिए भी अहम है।
भारत का तुरंत और प्रभावी मानवीय प्रयास
भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को 28 नवंबर से 53 टन राहत सामग्री पहुंचाई। इसमें खोज और बचाव अभियान, आपातकालीन राशन, सचल अस्पताल और चिकित्सकीय टीम शामिल थे। एनडीआरएफ की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य किया और 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला।
भारत की राहत का दायरा और समन्वय
भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस सुकन्या का उपयोग
भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर और चेतक हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान
राहत में शामिल लोगों में श्रीलंकाई, भारतीय और अन्य विदेशी नागरिक शामिल
कुल 53 टन राहत सामग्री वितरण, आपातकालीन अस्पताल और प्रशिक्षित बचाव दल शामिल
Written By-Anjali Mishra



