रूसी संसद का निचला सदन मंगलवार को भारत के साथ महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर मतदान करेगा। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले उठाया जा रहा है। समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास, आपदा राहत और अन्य सामरिक गतिविधियों में सहयोग को सुविधाजनक बनाना है। इसे भारत और रूस के बीच दीर्घकालीन रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भारत-रूस सैन्य सहयोग
इस समझौते पर 18 फरवरी, 2025 को मास्को में हस्ताक्षर किए गए थे। भारतीय राजदूत विनय कुमार और तत्कालीन उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने इसे औपचारिक रूप दिया। यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य तालमेल को बढ़ाने, आपसी रसद सहयोग को सुगम बनाने और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने के लिए तैयार किया गया है।
पुतिन की भारत यात्रा और संभावित परिणाम
रूसी राष्ट्रपति गुरुवार से भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। इस बैठक के जरिए व्यापार, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों और सहयोग की उम्मीद है। भारत में रूस के पूर्व राजदूत अजय मल्होत्रा ने कहा कि पुतिन का यह दौरा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और दोनों देशों की लंबे समय से चली आ रही प्रगाढ़ साझेदारी का संकेत है।
आरईएलओएस समझौते के पारित होने और पुतिन की यात्रा से भारत-रूस संबंधों में नई गति आने की संभावना है। यह कदम दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा।
- YUKTI RAI



