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- Sat, 12th Oct, 2024
Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद के साथ प्रयोगों के बाद लड़खड़ा रही दुनिया को प्रसन्नता और संतोष का मार्ग भारत बताया है. विश्व हिंदू कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भागवत ने दुनियाभर के हिंदुओं से अपील की है कि वे एक दूसरे से जुड़ कर दुनिया से कड़ी जोड़ें. इस बीच उन्होंने दुनियाभर से आए कार्यकर्ताओं, नेताओं और उद्यमियों अपने भाषण से संबोधित किया. जिसमें मोहन भागवत ने कहा, ‘‘हमें दुनिया रहने वाले हर हिंदू तक पहुंचना होगा, उन से संपर्क करना होगा. साथ ही सभी हिंदू धर्म के लोगों को साथ मिलकर दुनिया में सभी से संपर्क साधेंने होगें.
थाईलैंड में बोले भागवत
भागवत ने बताया कि क्रोध, ईर्ष्या और अहंकारी व्यवहार जैसी नकारात्मक भावनाएं हमारे समाज को तोड़ने का काम कर रही हैं. हमारे व्यक्तियों के बीच सहयोग को तोडकर हमें अलग- अलग कर रही है. निस्वार्थ सेवा के माध्यम से दिल जीतने का दृढ़ता से आह्वान किया. थाईलैंड में कार्यक्रम की शुरुआत विश्व हिंदू फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद द्वारा शंख बजाने के बाद हुई. हालांकि इस कार्यक्रम में WHC सत्र में 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
दुनिया के सारे 'हिंदू हो एक साथ
मोहन भागवत ने कहा, ‘कोविड महामारी के बाद उन्होंने पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है. अब ऐसा लगता है कि वे यह सोचने में एकमत हैं कि भारत रास्ता दिखाएगा।’ भागवत ने कहा, ‘हमें सभी के पास जाकर संपर्क करना होगा, उनसे जुड़ना होगा और अपनी सेवाओं से उन्हें अपनी ओर लाना होगा. हमारे पास उमंग है.