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पेपर लीक और NTA विवाद : परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने बनाई हाई लेवल कमेटी, 2 महीने में आएगी रिपोर्ट

पेपर लीक और NTA विवाद : परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने बनाई हाई लेवल कमेटी, 2 महीने में आएगी रिपोर्ट

18 Sep 2024

 

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि NTA की कार्यप्रणाली में सुधार की संभावनाओं और तरीकों पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. इसमें शिक्षाविद और टेक्नोक्रेट शामिल हैं. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों इसकी घोषणा की थी.


पूर्व इसरो चीफ डॉ. के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में सात सदस्यों की समिति एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली के साथ-साथ परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार पर अपनी रिपोर्ट देगी.

 

2 महीने के भीतर आएगी रिपोर्ट

 

शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. समिति उन प्रक्रियाओं का आकलन करेगी जिसके जरिए भविष्य में होने वाली परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष तरीके से संचालन किया जा सके.

आकलन के बाद समिति जहां सुधार की जरूरत है उनकी पहचान और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें पेश करेगी.

 

कौन-कौन शामिल है हाई लेवल कमेटी में

 

शिक्षा मंत्रालय की ओर बनाए गए उच्च स्तरीय समिति में सात सदस्य शामिल हैं.समिति के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन हैं. वह इसरो के पूर्व अध्यक्ष रहने के साथ-साथ आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.


अन्य सदस्यों में एम्स दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बी.जे. राव, आईआईटी मद्रास सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस, प्रो. राममूर्ति, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स, प्रो. आदित्य मित्तल, और शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल शामिल हैं.

 

परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त कानून


NEET और दूसरी परीक्षाओं में पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों के सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मचा हुआ हुआ है. छात्र सड़कों से लेकर अदालतों तक अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. ऐसे में सरकार ने भी सख्ती दिखाई है.

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने शुक्रवार को 'लोक परीक्षा कानून 2024' को लागू कर दिया. इस कानून में दोषी पाए जाने पर 10 साल कैद और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. नया कानून लाने के साथ-साथ सरकार परीक्षा तंत्र में भी सुधार पर जोर दे रही है जिसके लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है.

 

 

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