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- Sat, 12th Oct, 2024
देश भर में पेपर लीक को लेकर मचे हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने 'लोक परीक्षा कानून 2024' को लागू कर दिया है.
शुक्रवार की शाम इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई. इस कानून का उद्देश्य देश भर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है.
'लोक परीक्षा कानून 2024' यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 इसी साल सात फरवरी को संसद में यह कानून पारित हुआ था जिसे 21 जून 2024 को अधिसूचित किया गया. यानि 21 जून 2024 से कानून प्रभावी हो गया.
नए कानून में कड़े प्रावधान
लोक परीक्षा कानून 2024 के लागू कर केंद्र सरकार परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. इस कानून में बेहद कड़े प्रावधान हैं.
सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और दस लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. संगठित रूप से इस तरह का अपराध करने पर जुर्माने की राशि बढ़कर एक करोड़ रुपये तक हो सकती है.
किसी संस्थान के संगठित पेपर लीक अपराध में शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी प्रावधान कानून में है. इतना ही नहीं परीक्षा की लागत भी उस संस्थान से वसूली जाएगी.
परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों पर यह कानून लागू नहीं होगा. यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी.
पेपर लीक होने पर अधिकारी भी नहीं बचेंगे
'लोक परीक्षा कानून 2024' के प्रावधानों के अनुसार अगर पेपर लीक होने को लेकर चल रही जांच के दौरान यह पाया जाता है कि एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर को परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का पहले से ही अंदाजा था और इसके बावजूद भी उसने कुछ नहीं किया, तो ऐसी स्थिति में एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इसी तरह यदि जांच में यह साबित हो जाता है कि ऐसी किसी घटना में यदि किसी वरिष्ठ अधिकारी की भी संलिप्तता है तो उसे 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. नए कानून मुताबिक केंद्र सरकार के पास किसी भी जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की शक्ति है.
कानून के दायरे में सार्वजनिक परीक्षाएं
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं नए कानून के दायरे में हैं.
इन परीक्षाओं में प्रश्न पत्र या उनके उत्तर लीक करना, कंप्यूटर नेटवर्क के साथ छेड़खानी करना ताकि पेपर की जानकारी पहले से मिल जाए या फिर सीधे पेपर लीक न करते हुए परीक्षार्थियों को अन्य तरीके से हेराफेरी करके फायदा पहुंचाने वालों पर कानून का शिकंजा कसेगा.
परीक्षा सूची या रैंक को लेकर नकली दस्तावेज जारी करना और योग्यता दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने वाले भी नए कानून के दायरे में आएंगे.
लगातार पेपर लीक के मामले आ रहे सामने
हाल के दिनों में कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने की बात सामने आई है. इसकी वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में कई परीक्षाओं को रद्द भी करना पड़ा. ताजा उदाहरण एनटीए द्वारा आयोजित NEET UG -2024 परीक्षा का है जिसमें पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के गंभीर आरोप लग रहे हैं. इसको लेकर देश भर में छात्र सड़कों पर उतर रहे हैं. मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक भी पहुंच गया है. इसी तर NET की परीक्षा को भी रद्द करना पड़ा है.