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- Mon, 30th Dec, 2024
NEET पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है , नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब बिहार पुलिस संजीव मुखिया नाम के शख्स की सरगर्मी से तलाश कर रही है.
राज्य और राज्य के बाहर भी छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि संजीव मुखिया ही पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड है. माना जा रहा है कि संजीव मुखिया के गिरफ्त में आने के बाद नेटवर्क की तह तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी.
नालंदा के रहने वाले संजीव मुखिया का नाम पहले भी इस तरह के कई मामलों में आ चुका है. उसपर साल 2010 से कई परीक्षाओं का पेपर लीक कराने के आरोप लगे हैं.
संजीव मुखिया के बेटे शिव पर भी बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में शामिल होने का आरोप लग चुका है. तब शिव को पुलिस ने उसके चार साथियों के साथ मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया था.
सबसे पहले संजीव मुखिया के पास पहुंचा NEET का पेपर
NEET पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस और राज्य की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट यानि EOU को संजीव मुखिया के बारे में सिकंदर यादवेंदु ने बताया. सिकंदर भी मामले में आरोपी है और पुलिस की गिरफ्त में है.
जांच टीम का मानना है कि लीक होने के बाद NEET का पेपर सबसे पहले संजीव मुखिया के पास ही पहुंचा. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि किसी प्रोफेसर ने संजीव मुखिया को मोबाइल पर नीट का पेपर भेजा था.
सॉल्वर गैंग में पटना और रांची के एमबीबीएस स्टूडेंट भी मौजूद
बताया जाता है कि संजीव मुखिया ने नीट परीक्षा से एक दिन पहले यानि 4 मई को पटना के खेमनीचक स्थित लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में 20 से 25 अभ्यर्थियों को ठहराया हुआ था. बताया जा रहा है कि जा रहा है कि यहीं पर उन्हे NEET का प्रश्नपत्र और उसका उत्तर मुहैया कराया गया. इन सभी अभ्यर्थियों से पैसे लिए गए थे.
लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में पटना और रांची के एमबीबीएस स्टूडेंट भी मौजूद थे जिन्होंने नीट पेपर में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर तैयार किया.