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- Sat, 12th Oct, 2024
राम मदिर के धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में चर्चा चल रही थी. इस दौरान सभी सांसदों ने अपनी-अपनी बातों को साझा किया. हुई चर्चा में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. जिसमें असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि क्या ये मोदी सरकार सिर्फ हिंदुत्व की सरकार है? क्या ये सरकार सिर्फ एक मजबह की सरकार है? देश का कोई मजहब नहीं है क्या? मुसलमानों को क्या संदेश दे रहे हैं आप?
“मोदी सरकार क्या सिर्फ मजहब की सरकार है?”
अयोध्या का जिक्र करते हुए ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार क्या सिर्फ मजहब की सरकार है? या फिर देश के सभी धर्मों को मानने वाली सरकार है? ये सरकार देश में आखिर क्या संदेश देना चाहती है. क्या सरकार ये तो दिखाना नहीं चाहती कि एक धर्म ने दूसरे धर्म पर कैसे विजय हासिल की है. 17 करोड़ मुसलमानों को आप क्या संदेश दे रहे हैं. पहले 1992, फिर 2019 और 2022 में मुस्लिमों को धोखा दे दिया था. जिसके बाद ओवैसी ने कहा कि “मैं बाबर, औरंगजेब या फिर जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं.”
AIMIM चीफ ने कहीं ये बातें
AIMIM के चीफ ओवैसी ने कहा कि, “6 दिसंबर 1992 को देश में फसाद होता है. जिसके बाद लोगों को जेल में डाल दिया जाता है. जो बूढ़े होकर जेल से बाहर आते हैं. मैं श्रीराम को मानता हूं, लेकिन नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं, उसकी वजह ये है कि गोडसे ने एक ऐसे इंसान की हत्या कर दी थी, जिसके आखिरी शब्द हे राम थे. आप ओवैसी से बाबर के बारे में क्यों पूछते हो? बोस, नेहरू और हमारे देश के बारे में पूछते.”
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इस देश का कोई मजहब नहीं है- असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुझे बडी हैरानी होती है कि जब लोकसभा मुख्तलिफ आवाजों में बोलती है. बात 16 दिसंबर 1992 की है जब लोकसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया. जिसमें बाबरी विध्वंस की आलोचना की गई थी. जिसको देखते हुए मेरा मानना है कि इस देश का कोई मजहब नहीं है.”
TNP न्यूज़ से अमजद खान की रिपोर्ट.