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हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए हाई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को डेरा के पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह हत्या के मामले में बरी कर दिया है. अदालत ने इस मामले में 4 अन्य लोगों को भी बरी कर दिया है.
रणजीत सिंह हत्या मामले में पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ उन्होने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.
2002 में हुई थी रणजीत सिंह की हत्या
मामला करीब 22 साल पुराना है. सिरसा में डेरा प्रबंधक रहे रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के थानेसर पुलिस स्टेशन एरिया में हत्या कर दी गई थी. 10 नवंबर, 2003 को हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. करीब 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.राम रहीम के वकील ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हे अदालत पर पूरा भरोसा था.
गुमनाम चिठ्ठी की वजह से हुई थी हत्या
डेरा के पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या के पीछे की वजह एक गुमनाम चिट्ठी को बताया जाता है. ये चिट्ठी पंजाब के बड़े अदिकारियों के पास पहुंची थी जिसमें राम रहीम के डेरे में एक साध्वी के यौन शोषण की बात कही गई थी. मामला खुलने पर राम रहीम की छवि प्रबावित होने लगी और कई लोगों ने डेरा मेंआना छोड़ दिया. इसी दौरान रणजीत सिंह ने भी डेरा में मैनेजर का काम छोड़ दिया और परिवार के साथ अपने घर वापस लौट गए. इस घटना से रणजीत सिंह पर गुरमीत राम रहीम का शक गहराया. उसे शक था रणजीत सिंह ने अपनी बहन से वो गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है. इसी दौरान 10 जुलाई 2002 को कुछ अज्ञात लोगों ने रणजीत सिंह की हत्या कर दी. इस हत्या का शक पुलिस को गुरमीत राम रहीम पर था जिसे सीबीआई ने बाद में साबित भी कर दिया था.
राम रहीम पर कई मामले
रणजीत सिंह की हत्या मामले में भले ही राम रहीम को बरी कर दिया गया है परन्तु उनका जेल से निकलना संभव नहीं दिख रहा है. राम रहीम फिलहाल जेल में बंद है. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और दो साध्वियों के दुष्कर्म के मामले में उन्हे सजा हुई है.