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- Sat, 12th Oct, 2024
जेल में बंद न्यू पोर्टल न्यूज क्लिक के प्रधान संपाद प्रबीर पुरकायस्थ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. देश की सर्वोच्च अदालत ने उन्हे रिहा करने करने के आदेश दिए हैं. प्रबीर पुरकायस्थ को अक्टूबर 2023 मे दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानि UAPA के तहत गिरफ्तार किया था. उनपर गैरकानूनी तरीके से चीन से फंड लेने और देश विरोधी प्रचार को बढावा देने का आरोप है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 8000 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया था. प्रबीर पुरकायस्थ ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को अमान्य करार दिया और जल्द रिहाई के आदेश दिए. अदालत ने कहा कि आरोपी या उसके वकील को रिमांड से पहले गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया इसलिए वह जमानत के हकदार है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिचाई करते हुए गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेशी में जल्दबाजी दिखाने को लेकर सवाल उठाए. दिल्ली पुलिस ने अदालत ने पूछा कि मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने से पहले प्रबीर पुरकायस्थ के वकील को क्यों नहीं बताया गया जबकि पुलिस के पास पर्याप्त समय था.
प्रबीर पुरकायस्थ के वकील अर्शदीप खुराना ने सुप्राम कोर्ट के आदेश को बड़ी राहत बताते हुए कहा कि उन्हें ट्रायल कोर्ट के सामने जमानत बांड देने का निर्देश दिया गया है. ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा. उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से अवैध थी और हमारी बात पर अब सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है.
देश विरोधी गतिविधियों के लिए चीन से फंडिग का आरोप
प्रबीर पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगया गया है. एफआईआर में उनपर देश के खिलाफ लोगों में असंतोष पैदा करने के लिए चीन से फंडिंग की बात कही गई है.
इस मामले में दिल्ली सहित कई राज्यों में छापेमारी की गई थी. न्यूज क्लिक के पत्रकारों और दफ्तरों से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी जब्त किए गए थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक के एच आर हेड अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार किया था जो बाद में सरकारी गवाह बन गए.