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- Sat, 12th Oct, 2024
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान,उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है . फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अदालत ने इन्हे जमानत जमानत दे दी है. इस मामले में पिछले साल रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने तीनों को 7 साल की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ इनलोगों वे हाई कोर्ट मे अपील की थी. सुनवाई के बाद अदालत ने आजम खान की सजा पर रोक भी लगा दी है. लेकिन तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को इस मामले में राहत नहीं मिली है. उनकी सजा बरकरार रहेगी.
क्या है फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. उस चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था. इसके बाद अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कोर्ट में एक केस दाखिल किया गया जिसमें जन्म प्रणाण पत्र में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया. अदालत को बताया गया कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होने अपनी उम्र को बढ़ा कर दिखाया है. शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र में 30 सितंबर 1990 है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया और उनका चुनाव रद्द कर दिया गया. अब्दुल्ला आजम पर अलग-अलग जगहों पर दो अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र इस्तेमाल करने का भी आरोप है.
दरअसल अब्दुल्ला के एक प्रमाणपत्र में रामपुर को जन्मस्थान बताया गया है. वहीं दूसरे में लखनऊ को उनका जन्मस्थान दिखाया गया है. इसी को लेकर आजम खान,उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम पर केस दर्ज किया गया था. फिलहाल तीनों उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में हैं.