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- Sat, 21st Dec, 2024
PMLA के तहत गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किसी के खिलाफ मामला विशेष अदालत में विचाराधीन हो तो ईडी उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती है. जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि ईडी यदि ऐसे आरोपी की हिरासत चाहती है जो समन पर पेश हुआ हो तो उसे संबंधित कोर्ट में आवेदन करना होगा. ऐसी स्थिति में अदालत की इजाजत के बाद ही गिरफ्तारी हो सकती है. अदालत तभी हिरासत में लेने का आदेश देगी जब ईडी इस बात के लिए कोर्ट को संतुष्ट कर दे कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. आरोपी का पक्ष सुनने के बाद विशेष अदालत को आवेदन पर आदेश पारित करना होगा
एक मामले की सुनाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग केस में किसी आरोपी को ED ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया है और PMLA कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेकर उसे समन जारी करता है, तो उसे कोर्ट में पेश होने के बाद PMLA के तहत जमानत की दोहरी शर्त को पूरा करने की जरूरत नहीं होगी.
PMLA एक्ट के सेक्शन 45 में जमानत की दोहरी शर्त का प्रावधान है, जिसकी वजह से आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानि PMLA के दुरुपयोग का मामला विपक्षी पार्टियां लगातार उठाती रही है. केंद्र सरकार पर इसके दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं. काले धन को रोकने के लिए इस कानून को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बनाया गया था परन्तु यूपीए सरकार में इसे लागू किया गया. तबसे कानून में कई संशोधन हो चुके हैं.