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- Sat, 21st Dec, 2024
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने उनकी जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 14 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अदालत ने कहा कि सुनवाई में देरी की वजह आरोपी हैं, जांच एजेंसियां इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. दलील में ED और सीबीआई की तरफ से ट्रॉयल कोर्ट में देरी को लेकर कोई फॉल्ट नहीं हुआ. मनीष सिसोदिया की ओर से देरी के आधार पर जमानत देने की दलील दी गई थी. ED और सीबीआई ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ये केवल आधार नहीं हो सकता जमानत का.
अदालत ने इसे पद के दुरुपयोग का मामला भी बताया. कोर्ट ने कहा कि ये केस शक्तियों के दुरुपयोग और जनता के भरोसे को तोड़ने वाला है. मनीष के पास आबकारी विभाग के साथ कुल 18 विभाग थे. भ्रष्टाचार इस मामले में उस समय हुआ जब कुछ लोगों को फायदा पहुंचने के लिए नीति बनाई गई, ताकि पैसा आ सके. यह मामला सत्ता के गंभीर दुरुपयोग का है.
मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाला मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हे 9 मार्च को गिरफ्तार किया था. रिमांड खत्म होने के बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं.