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- Mon, 30th Dec, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब 2 जून को वापस तिहाड़ जेल में सरेंडर करना पड़ेगा. उनकी अंतरिम जमानत की याचिका पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई परन्तु फैसला नहीं सुनाया गया . अदालत 5 जून को अपना फैसला सुनाएगी.
ईडी ने अदालत को दिखाया वीडियो क्लिप
केजरीवाल ने खराब सेहत और मेडिकल टेस्ट का हवाला देते हुए कोर्ट से 7 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी. ईडी ने इसका विरोध किया. ED ने अदालत को आज का एक वीडियो दिखाया जिसमें अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के घर पर बैठक के लिए जा रहे हैं. ईडी की ओर से अरविंद केजरीवाल के शुक्रवार को किए गए एक प्रेस कांफ्रेंस का हवाला दिया गया जिसमें उन्होने 2 जून को खुद ही आत्मसमर्पण करने की बात कही थी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग है, हम आपत्ति दर्ज करवाते हैं. इस पर अरविंद केजरीवाल के वकील एन. हरिहरन ने कहा उन्हें इस बयान जानकारी नहीं है.
ईडी ने लगाया तथ्यों को छुपाने का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तथ्यों को छिपाया, अपने स्वास्थ्य सहित कई मुद्दों पर गलत बयान दिए. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत आदेश पहले ही दे रखा है तो आखिर कोर्ट को मिसलिड करने की क्या जरूरत है. ASG ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ये अंतरिम जमानत केवल चुनाव प्रचार के लिए था. उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है. उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कही भी नहीं कहा कि अरविंद अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर सकते हैं. इसलिए केजरीवाल की यह याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए इसे खारिज किया जाना चाहिए.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने नियमित जमानत का भी विरोध किया . उन्होने कहा कि यदि केजरीवाल हिरासत में होते तो नियमित जमानत की बात आती , फिलहाल तो हिरासत में नहीं है. ASG एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत इसलिए मिली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी, वह इस कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक्स्टेंशन की मांग कैसे कर सकते हैं.
मेडिकल टेस्ट कराने की बजाए रैलियां कर रहे थे केजरीवाल-ईडी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि, अरविंद केजरीवाल मेडिकल टेस्ट कराने की बजाए लगातार रैलियां कर रहे थे. इसका मतलब है की वो बीमार नहीं है. 7 किलो वजन कम होने का दावा गलत है बल्कि उनका वजन एक किलो बढ़ गया था.
केजरीवाल के वकील एन. हरिहरन ने उनकी ओर से कहा, 'मैं 1994 से शुगर का मरीज हूं , पिछले 30 साल से मेरा शुगर डाउन रहता है. मैं 54 यूनिट इंसुलिन रोज लेता है. मेरा स्वास्थ सही नहीं है. अपना इलाज करवाना मेरा अधिकार है.. आर्टिकल 21 मुझे जीने का अधिकार देता है. मेरा मेडकिल कंडीशन सही नहीं है. ऐसे में ईडी का कहना मेरी याचिका सुनवाई योग्य नही है यह गलत है.'
केजरीवाल के वकील हरिहरन ने कहा कि, ' चुनाव प्रचार के बाद शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है. यह बहुत खतरनाक हो सकता है.. कीटोन का स्तर भी शरीर में बढ़ गया. यह इस बात का संकेत है कि किडनी सामान्य रूप से काम नहीं कर रही है.. जिस तरह डॉक्टर की रिपोर्ट है और जिस तरह मेरा स्वास्थ है, ऐसे में कल को मुझे कुछ हो जाएगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या जांच एजेंसी लेगी. ऐसे में मुझे 7 दिन की अंतरिम जमानत मिलना चाहिए ताकि मैं अपना इलाज करवा सकूं. कीटोन का स्तर 15+ है. यह नेगेटिव में होना चाहिए और इसीलिए हम कहते हैं कि उसके शरीर में कुछ बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है जिसकी जांच की जरूरत है. ऐसा नहीं है कि मैं आत्मसमर्पण नहीं करना चाहता.'