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- Sat, 12th Oct, 2024
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. उन्होने कहा है कि, अगले महीने से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव सहित असम सरकार के अधिकारी अपने बिजली बिलों का भुगतान खुद से करेंगे.अबतक इन लोगों के बिजली बिल का भुगतान राज्य सरकार करती थी.
क्या कहा मुख्यमंत्री ने ?
रविवार को गुवाहाटी के सेक्रेटेरिएट कॉम्प्लेक्स में जनता भवन सोलर प्रोजेक्ट के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह बात कही.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ' हम करदाताओं के पैसे से सरकारी अधिकारियों के बिजली बिलों का भुगतान करने के #VIPCulture नियम को समाप्त कर रहे हैं. मैं और मुख्य सचिव एक उदाहरण स्थापित करेंगे और 1 जुलाई से अपने बिजली बिलों का भुगतान करना शुरू करेंगे. ' अपने पोस्ट में उन्होने आगे लिखा कि सभी अधिकारियों को अब अपने बिजली बिल का भुगतान खुद से करना होगा.
हिमंत बिस्वा सरमा ने अपना एक वीडियो भी पोस्ट किया. इसमें वो कह रहे हैं कि, ' हमने पाया कि हमारे मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के आवासों या सचिवालय के आवासों के बिजली बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जा रहा है. यह 75 साल की विरासत है, कोई नई व्यवस्था नहीं है, इतने लंबे समय से बिजली का बिल राज्य सरकार द्वारा भरा जा रहा था. हमने इसे खत्म करने का फैसला लिया है. 1 जुलाई से हर कोई अपना बिल का भुगतान खुद करेगा.
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सरकार का सोलर पावर पर जोर
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोलर पावर के इस्तेमाल पर जोर देने की बात कही. उन्होने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों को धीरे-धीरे सोलर पावर पर शिफ्ट हो जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को भी सोलर एनर्जी का इस्तेमाल शुरू करने के लिए कहा. बिजली बचाने पर जोर देते हुए फन्होने कहा कि , हमने एक पहल शुरू की है जिसमें मुख्यमंत्री सचिवालय, गृह और वित्त विभागों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों में रात 8 बजे के बाद बिजली अपने आप कट जाएगी ताकि हम बिजली बचा सकें.