
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन ने बुधवार शाम 6 बजे से 48 घंटे के लिए अस्थायी सीजफायर पर सहमति जताई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार शाम 6 बजे से यह अस्थायी विराम लागू हो गया है। यह फैसला सीमा पर हाल में हुई झड़पों और हवाई हमलों के बाद लिया गया है, जिनमें कई नागरिकों की मौत हुई थी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस युद्धविराम का मकसद हाल के तनाव को कम करना और बातचीत का रास्ता खोलना है। मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्षों ने मिलकर "सकारात्मक समाधान" निकालने की कोशिश करने का भरोसा दिया है ताकि और जान-माल की हानि रोकी जा सके।
15 लोगों की मौत 100 से ज्यादा घायल
यह संघर्ष विराम अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में हुए पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद हुआ, जिनमें अफगान अधिकारियों के अनुसार 15 नागरिकों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग घायल हुए। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगान सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई की और कई घर हमलों में तबाह हो गए।
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि उसकी सेना पर अफगान सीमा से तालिबान ने हमला किया था, जिसमें उसके 6 जवान मारे गए। इस्लामाबाद का दावा है कि जवाबी कार्रवाई में 30 तालिबान लड़ाके मारे गए।
तालिबान ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सेना के कुछ टैंक और हथियार कब्जे में ले लिए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में तालिबान लड़ाके एक पाकिस्तानी टैंक पर सवार दिखे। पाकिस्तान ने इन दावों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन बड़े नुकसान की बात से इनकार किया।
बढ़ती हिंसा के चलते पाकिस्तान ने कतर और सऊदी अरब से मध्यस्थता की अपील की है ताकि हालात काबू में आएं। सीमा पर झड़पों के कारण हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और कई सीमा मार्ग बंद हैं।
यह तनाव 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को पनाह दे रहा है, जो उसके खिलाफ हमले कर रहा है।
इस बीच, अफगान विदेश मंत्री की भारत यात्रा ने भी इस्लामाबाद की चिंता बढ़ा दी है। भारत ने काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलने और तालिबान सरकार से संबंध मजबूत करने की बात कही है, जिसे पाकिस्तान अपने लिए एक कूटनीतिक झटका मान रहा है।
Saurabh Dwivedi