
हरियाणा के फरीदाबाद में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया है। सफेद कोट पहनकर मरीजों का इलाज करने वाला यह डॉक्टर, जांच में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी नेटवर्क के संपर्क में पाया गया।
करीब साढ़े तीन साल से फरीदाबाद में रह रहा मुजम्मिल यूनिवर्सिटी कैंपस में ही डॉक्टर के पद पर काम कर रहा था, जबकि गुपचुप तरीके से विस्फोटक सामग्री और आतंकी लॉजिस्टिक सपोर्ट की व्यवस्था करता रहा। यह खुलासा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बिलकुल नजदीक आतंकी नेटवर्क के सक्रिय होने की ओर इशारा करता है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
कश्मीर से शुरू हुई साजिश
जानकारी के लिए बता दें कि 19 अक्टूबर को श्रीनगर के नौगाम इलाके के बनपोरा क्षेत्र में कई जगहों पर जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर चिपकाए मिले। इन पोस्टरों में पुलिस और सुरक्षा बलों को खुलेआम धमकी दी गई थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गैरकानूनी गतिविधि (UAPA), भारतीय न्याय संहिता, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।
जांच में पता चला कि यह कोई साधारण पोस्टर चिपकाने वाली हरकत नहीं थी, बल्कि एक संगठित आतंकवादी नेटवर्क की बड़ी साजिश थी। पुलिस के अनुसार, इस नेटवर्क में कुछ कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल थे, जो पाकिस्तान और अन्य विदेशी ठिकानों से निर्देश ले रहे थे। यह समूह संदेश भेजने और पैसे की लेन-देन के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स और चैनलों का इस्तेमाल करता था।
सहारनपुर से हुई पहली बड़ी गिरफ्तारी
जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक संदिग्ध की पहचान की अदील, जो पहले अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करता था और बाद में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक निजी अस्पताल में नौकरी करने लगा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम सहारनपुर पहुंची और अदील को गिरफ्तार कर लिया। उसके मेडिकल कॉलेज के लॉकर की तलाशी में एक असॉल्ट राइफल बरामद की गई, जिससे साफ हो गया कि उसकी भूमिका गहरी है।
फरीदाबाद में मिला बड़ा ठिकाना
जांच में एक और नाम सामने आया डॉ. मुजम्मिल, जो मूल रूप से पुलवामा का रहने वाला है और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर था।
पुलिस ने फरीदाबाद के दो किराए के घरों में छापेमारी की और वहां से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की। यह सामग्री IED यानी बम बनाने में इस्तेमाल की जा सकती है। इसके साथ ही स्विफ्ट कार, जिसमें से क्रिंकोव असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन और 83 राउंड बरामद हुए। इसके साथ एक पिस्टल और दो मैगजीन और दो खाली खोखे भी मिलें।
सात गिरफ्तारियाँ और बड़ा खतरा
अब तक पुलिस ने कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं। बरामद हथियारों में बेरेटा पिस्टल, चीनी स्टार पिस्टल, AK-56 और AK-क्रिंकोव राइफल भी हैं।
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि यह मॉड्यूल किस बड़े हमले की योजना बना रहा था, लेकिन दिल्ली के इतने करीब इतनी बड़ी मात्रा में बम सामग्री मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी है। एजेंसियाँ अब इस पूरे नेटवर्क की फंडिंग, प्लानिंग और विदेशी कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही हैं।
Saurabh Dwivedi



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