
School Job Scam: पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी जो पिछले दो साल से जेल में बंद थे उनको आज सोमवार को कोलकाता की विशेष CBI कोर्ट से जमानत मिल गई। यह जमानत स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में दी गई है।
अदालती अधिकारियों के अनुसार, पार्थ चटर्जी की 90,000 रुपये की बेल बॉन्ड राशि जमा कर दी गई है। अब अदालत के औपचारिक रिहाई आदेश जारी होने का इंतजार है। आदेश जारी होने के बाद उसे प्रेसिडेंसी जेल भेजा जाएगा, जहाँ से उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
चटर्जी इस समय कोलकाता के ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाइपास के पास स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। इसलिए संभावना है कि रिहाई सीधे अस्पताल से ही की जाएगी और उन्हें जेल वापस नहीं ले जाया जाएगा।
घोटाला क्या था?
यह मामला स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आरोप है कि सरकारी स्कूलों में नौकरियाँ पैसे लेकर बेची गईं।
जुलाई 2022 में CBI और ED की संयुक्त कार्रवाई के दौरान चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घरों से कई करोड़ रुपये नकद, सोना और जमीन-जायदाद से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए थे। इन बरामदियों ने पूरे राज्य में बड़ी राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी और मामला चर्चा में आ गया था।
राजनीति में बड़ा असर
पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। गिरफ्तार होने के बाद पार्टी ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया था। उनकी जमानत को पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा है कि क्या चटर्जी फिर से सक्रिय राजनीति में आएंगे? क्या तृणमूल उन्हें दोबारा पार्टी में जगह देगी या दूरी बनाए रखेगी? विपक्ष इस जमानत को किस तरह चुनावी मुद्दा बनाएगा? इन सवालों पर आने वाले समय में स्थिति साफ होगी।
Saurabh Dwivedi

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