
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में हर तरफ रैलियां हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की तानाशाही प्रवृत्ति और लोकतंत्र विरोधी नीतियों को देखते हुए इस रैली को ‘No Kings’ नाम दिया है। लाखों लोग अमेरिका और दुनियाभर में सड़कों पर उतरकर “No Kings” के नारे लगा रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन का मकसद
इस आंदोलन का उद्देश्य ट्रंप प्रशासन की माइग्रेशन, शिक्षा और सुरक्षा नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना है। आयोजकों का कहना है कि यह विरोध वृद्धि करते अधिनायकवाद (authoritarianism) के खिलाफ एक वैश्विक अभियान है। जून में भी No Kings ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था, और अब फिर से लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए बुलाया गया है।
विशाल स्तर पर विरोध
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 2,700 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन होने की उम्मीद है। छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक लोग ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। कई शहरों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी भी बढ़ा दी गई है।
No Kings आंदोलन क्या है?
No Kings वामपंथी झुकाव वाले कई संगठनों का गठबंधन है। इसका उद्देश्य है: अमेरिका में कोई राजा या निरंकुश शासक नहीं होता। इस आंदोलन के जरिए ट्रंप के बढ़ते अधिनायकवाद पर सीधा निशाना साधा जा रहा है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह केवल नारा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद है।
प्रमुख शहर और आयोजन
18 अक्टूबर को “Day of Action” के तहत प्रदर्शन कई शहरों में आयोजित होंगे। प्रमुख शहरों में शामिल हैं:
वॉशिंगटन डी.सी.
सैन फ्रांसिस्को
न्यूयॉर्क सिटी
ह्यूस्टन
बोस्टन
शिकागो
न्यू ऑरलियन्स
प्रदर्शन अलग-अलग समय और स्थान पर आयोजित होंगे।
संगठन और साझेदार
इस आंदोलन में 200 से ज्यादा संगठन शामिल हैं। प्रमुख साझेदार हैं:
Indivisible (प्रगतिशील आंदोलन संगठन)
American Civil Liberties Union (ACLU)
Public Citizen
विरोध का कारण
आंदोलन ट्रंप की बढ़ती तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा है। इसमें शामिल हैं:
बड़े पैमाने पर निर्वासन (deportation)
स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती
चुनावी नक्शों में हेरफेर (gerrymandering)
आम परिवारों की अनदेखी
आंदोलन लोकतंत्र और श्रमिक समर्थक होने का दावा करता है और सही प्रतिनिधित्व मिलने तक संघर्ष जारी रखने का वादा करता है।
लोगों से अपील
No Kings वेबसाइट कहती है कि यह समय एक्शन का है। चाहे आप नागरिक अधिकारों पर हमलों से परेशान हों, महंगाई से दुखी हों, जबरन उठाए गए मामलों से चिंतित हों या अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमलों से आहत हों—यह आंदोलन आपके लिए है।
Written By-Anjali Mishra