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छत्तीसगढ़ में नक्सल वादियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी बीच गुरुवार को सुरक्षाबल के जवानों के सामने 200 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों में कई संगठन के टॉप लीडर शामिल हैं, इसमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष है। सभी नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है।
सरकार छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया करने पर लग गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए 31 मार्च की डेडलाइन तय की है। वहीं, अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के दो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करने को तैयार हैं उनका स्वागत है, लेकिन हथियार उठाने वालों को सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
'बस्तर आगे बढ़ेगा...'
छत्तीसगढ़ के DGP अरुण देव गौतम ने इसे लेकर कहा कि, "जो युवा इस तरह से भटक रहे थे, वे बस्तर की जनता के लिए लड़ रहे थे लेकिन उन्हें पता चला कि वे वास्तव में बस्तर की जनता के लिए नहीं लड़ रहे बल्कि उनका नुकसान कर रहे थे। बस्तर का विकास इतने साल में नहीं है। अब अगर वे सभी मिलकर योगदान करेंगे तो बस्तर आगे बढ़ेगा..."
उत्तर बस्तर में लाल आतंक का अंत
नक्सल विरोधी अभियान के एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नक्सिलियों का सरेंडर बड़ी सफलता है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो गया है। उत्तरी बस्तर में दशकों से चल रहे लाल आतंक का अंत हो गया है। अब केवल दक्षिणी बस्तर में नक्सलवाद बचा है।
माओवादी संगठन का करते प्रतिनिधित्व
जानकारी के अनुसार, सरेंडर करने वाले नक्सली भाकपा (माओवादी) संगठन के विभिन्न रैंकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम), एक क्षेत्रीय समिति सदस्य, 4 दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति (डीकेएसजेडसी) सदस्य, 21 संभागीय समिति सदस्य (डीवीसीएम), 61 क्षेत्रीय समिति सदस्य (एसीएम), 98 पार्टी सदस्य और 22 पीएलजीए/आरपीसी/अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं।
सौंपे हथियार
इस दौरान माओवादियों ने 153 हथियार पुलिस को सौंपे। इसमें 19- एके 47 राइफलें, 17- एसएलआर राइफलें, 23- इंसास राइफलें, 1- इंसास एलएमजी, 36- 303 राइफलें, 4- कार्बाइन, 11- बीजीएल लांचर, 41- बारह-बोर या सिंगल-शॉट बंदूकें और 1- पिस्तौल शामिल हैं।
-Shraddha Mishra