
मधुमेह (डायबिटीज) एक ऐसी पुरानी बीमारी है, जिसमें शरीर की इंसुलिन बनाने या उपयोग करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। यदि समय रहते इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह दिल, किडनी, आंखों और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। दवाओं के साथ-साथ प्राकृतिक उपायों का सहारा लेना भी लाभदायक हो सकता है। ऐसा ही एक असरदार उपाय है, अमरूद के पत्तों का सेवन।
शोध के अनुसार, अमरूद के पत्तों में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक यौगिक पाए जाते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
अमरूद के पत्ते कैसे करते हैं मदद?
अमरूद के पत्तों में प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं जो रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह विशेष रूप से टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी माना गया है।
एक अध्ययन क्या कहता है?
Journal of Nutrition and Metabolism में प्रकाशित 2010 के एक शोध के अनुसार, अमरूद की पत्तियों की चाय इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने और रक्त शर्करा को संतुलित बनाए रखने में सहायक होती है।
कैसे बनाएं अमरूद के पत्तों की चाय?
कुछ ताज़े अमरूद के पत्ते लें और इन्हें अच्छे से धोकर एक बर्तन में पानी के साथ उबालें उसे 10–15 मिनट तक पकने दें। इसके बाद छानकर गर्म या ठंडा पी सकते हैं। इस चाय को रोजाना एक या दो बार सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।
दुनिया में कहां प्रचलित है यह तरीका?
जापान जैसे देशों में अमरूद की पत्तियों की चाय को वर्षो से डायबिटीज कंट्रोल के प्राकृतिक उपाय के रूप में अपनाया जा रहा है। वहां इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया गया है।
महत्वपूर्ण चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि केवल अमरूद के पत्तों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। इसके साथ चाहिए कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, समय पर दवा और रक्त शर्करा की नियमित जांच जरूरी है
यदि आप मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध से जूझ रहे हैं, तो अमरूद के पत्ते एक प्राकृतिक और सुलभ उपाय हो सकते हैं। हालांकि, इसे एक पूरक इलाज के रूप में अपनाएं, मुख्य चिकित्सा के स्थान पर नहीं।
- YUKTI RAI