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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के ऐतिहासिक मानव मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु जल्द ही अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाले हैं। यह मिशन भारत के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। उम्मीद ये भी है कि मिशन के दौरान शुभांशु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा संवाद भी कर सकते हैं, जो देशवासियों के लिए गौरव और गर्व का पल होगा। यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रहा है।
"शुभांशु का मिशन: भारत के लिए इतिहास रचने की तैयारी"
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु और उनके तीन सहयोगी अब 10 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरेंगे। एक्सिओम स्पेस के मिशन Axiom-4 को तकनीकी कारणों से एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। पहले यह मिशन 29 मई को लॉन्च होना था, फिर 8 जून किया गया, और अब नई तारीख 10 जून घोषित की गई है।
"पीएम मोदी से संभावित संवाद, देशवासियों के लिए गर्व का पल"
मिशन के अंतर्गत, स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट शाम 5:52 बजे फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। शुभांशु, जो इस मिशन के सदस्य हैं, ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बनेंगे। इस ऐतिहासिक उड़ान से पहले शुभांशु और अन्य अंतरिक्ष यात्री फिलहाल क्वारंटीन में हैं। मिशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष में मौजूद दल से सीधा संवाद किए जाने की संभावना है। संवाददाता सम्मेलन में शुभांशु ने संकेत दिया कि वे "एक भारतीय वीवीआईपी" से बातचीत करेंगे, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पीएम मोदी हो सकते हैं। मिशन में 14 दिनों के दौरान चालक दल ISS में लगभग 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जिनमें से 7 प्रयोग ISRO द्वारा तैयार किए गए हैं। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, विशेष रूप से गगनयान मिशन, के लिए महत्वपूर्ण अनुभव देगा।
"शुभांशु का संदेश: ‘भारत के लिए यह मिशन एक मील का पत्थर’"
शुभांशु ने कहा कि यह मिशन भारत के लिए एक "मील का पत्थर" है और उन्होंने देशवासियों से इसके सफलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना करने की अपील की। वह अपने साथ अंतरिक्ष में भारतीय व्यंजन जैसे आम का रस, मूंग दाल का हलवा और गाजर का हलवा भी ले जाएंगे।
भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक मिशन" "डॉ. जितेंद्र सिंह- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस मिशन को भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक बताया और कहा कि जहां पहले राकेश शर्मा सोवियत मिशन का हिस्सा बने थे, वहीं Axiom-4 एक आधुनिक और पूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों से लैस मिशन है।
Published By-Anjali Mishra