
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार लगातार पाकिस्तान पर शिकंजा कस रही है। सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 1960 के सिंधु जल संधि पर भी तत्काल रोक लगा दी गई है। इस संधि को लेकर आज गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे।
भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से पत्र लिखते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दे दी है। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को पत्र के माध्यम से भारत सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है।
संधि में बदलाव के लिए नोटिस
पत्र द्वारा भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को संधि में बदलाव के लिए नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि संधि की कई मूल बातों में बदलाव आ गया है और इस पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है। संधि के कई मूल जैसे जनसंख्या में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा का विकास और संधि के अनुसार जल बंटवारे जैसे आधारों में बदलाव हुआ है।
पाकिस्तान दे रहा आतंकवाद को बढ़ावा
नोटिस में आगे कहा गया कि किसी भी संधि को सही भावना के साथ लागू करना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान सीमा पार से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इसके कारण भारत संधि से जुड़े अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान ने ना तो संधि की कई शर्तों को माना है और ना ही भारत के साथ इस बारे में बातचीत करने को तैयार है। इसी के चलते भारत सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया है।
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नौ साल की बातचीत के बाद हुए थे हस्ताक्षर
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल की बातचीत के सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि में विश्व बैंक की सहायता ली गई थी, जो कि इस संधि का एक हस्ताक्षरकर्ता भी है। बता दें इस बातचीत की शुरुआत विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष यूजीन ब्लैक ने की थी। सिंधु जल संधि को अब तक की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय संधियों में से एक माना जाता है।
- श्रद्धा मिश्रा