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हरियाणा की जेल एक बार फिर दरवाज़ा खोल चुकी है – और बाहर निकला है वही चेहरा, जो कई बार सुर्खियों में आ चुका है। रेप और मर्डर के मामलों में दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो पर रिहा कर दिया गया है। इस बार 21 दिन की छुट्टी दी गई है।
9 अप्रैल 2025 को उसे जेल से बाहर आने की इजाज़त दी गई, और वजह बताई गई डेरा सच्चा सौदा का स्थापना दिवस। ये वही जगह है जहां उसके खिलाफ दो हत्या और दो रेप के मामले दर्ज हुए थे। अब वो अगले तीन हफ्तों तक जेल के बाहर रहेगा।
यह पहला मौका नहीं है। राम रहीम को इससे पहले 28 जनवरी 2025 को भी 30 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। यानि 40 दिन में ये दूसरी बार है जब राम रहीम जेल से बाहर आया है।
पिछले 7 सालों में 326 दिन की आज़ादी
राम रहीम को 2017 में दो रेप केस और एक हत्या के मामले में दोहरी उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। लेकिन जेल में बिताए सात सालों में वो अब तक 13 बार पेरोल और फरलो पर बाहर आ चुका है। कुल मिलाकर 326 दिन वह जेल के बाहर रह चुका है — जो लगभग पूरे एक साल के बराबर है।
पिछले कुछ सालों की पेरोल-फरलो लिस्ट:
20 अक्टूबर 2020 – 1 दिन
3 जून 2021 – 7 दिन
7 फरवरी 2022 – 21 दिन
17 जून 2022 – 30 दिन
जनवरी 2023 – 40 दिन
नवंबर 2023 – 21 दिन
जनवरी 2024 – 50 दिन
अगस्त 2024 – 21 दिन
जनवरी 2025 – 30 दिन
अप्रैल 2025 – 21 दिन
सवाल उठता है कि क्या बाकी कैदियों को भी इतनी बार इतनी लंबी छुट्टियां दी जाती हैं?
कानून सबके लिए बराबर?
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार देश की जेलों में लगभग 6 लाख कैदी बंद हैं, जिनमें लगभग 1.75 लाख सजायाफ्ता हैं। लेकिन इनमें से कितने कैदी ऐसे हैं जो 7 साल में 326 दिन जेल के बाहर रहे हों? राम रहीम के मामले ने जेल और पेरोल व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
दिल्ली में जेसिका लाल मर्डर केस के दोषी मनु शर्मा या संजय दत्त जैसे हाई प्रोफाइल कैदियों को भी इतनी राहत कभी नहीं मिली।
सरकार का पक्ष
हरियाणा सरकार इस मामले को "रूटीन प्रक्रिया" बताती है। उनका कहना है कि पेरोल हर दोषी का अधिकार है। लेकिन बार-बार एक ही व्यक्ति को पेरोल या फरलो दिए जाने से ये सवाल उठता है कि क्या वाकई कानून सबके लिए बराबर है?
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राम रहीम की बार-बार जेल से रिहाई न सिर्फ जेल व्यवस्था पर बल्कि सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाती है। जब देश की जेलों में हज़ारों कैदी सालों से बिना छुट्टी के सजा काट रहे हैं, वहीं एक दोषी इतनी बार बाहर आ रहा है – तो सवाल उठना लाज़मी है।
Published By: Divya