
IPL 2025 की शुरूआत होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है ऐसे में क्रिकेट प्रेमियों को एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी(MSD) के चौके छ्क्कों की रफ्तार देखने को मिलेगी लेकिन... हर बार की तरह इस बार फिर एक बार अफवाह उड़ने लगी है कि इस आईपीएल के बाद माही सन्यास ले लेंगे ?
धोनी के IPL सन्यास को लेकर क्या बोले उथप्पा जानिए ?
इन अफवाहों के बीच चेन्नई सुपर किंग्स(CSK) के पूर्व बल्लेबाज़ रॉबिन उथप्पा ने धोनी के सन्यास को लेकर कहा- धोनी चेन्नई टीम के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं अगर वो इस आईपीएल के बाद सन्यास ले लेंगे तो भी कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी मेरे लिए और वो अगर चार साल तक और खेलते हैं तब भी कोई हैरानी नहीं होगी क्योंकि आज भी उनमें युवाओं जैसा हो जोश और जुनून है।
धोनी की अगुवाई में CSK ने जीते पांच बार आईपीएल खिताब
उथप्पा ने आगे कहा कि इतनी उम्र होने के बाद भी उनके खेल में जुनून नजर आता है उनका (एम.एस.धोनी) खेल के प्रति प्यार जरा भी कम नहीं हुआ है इसी वजह से वो खेल पा रहे हैं इतनी उम्र होने का बाद भी वो काफी फिट हैं चुस्त दुरूस्त हैं। 43 वर्ष के माही अब IPL के 18वें सीजन के लिए तैयार हैं और फैंस भी उन्हें देखने के लिए काफी एक्साइटेड हैं। बता दें धोनी की अगुवाई में CSK ने IPL के पांच बार खिताब जीते और वह इस लीग के सबसे सफल कप्तान हैं। माही ने पिछल सीजन से ठीक पहले CSK की कप्तानी छोड़ दी थी जिसके बाद टीम की कप्तानी ऋतुराज गायकवाड़ को सौंपी गई, गायकवाड़ की कप्तानी में सीएसके पिछले सत्र में पांचवें स्थान पर रही थी और प्लेऑफ में जगह बनाने से चूक गई थी।
घुटने में चोट के बाद भी माही के खेल मे जुनूनियत बरकरार
पिछले IPL सीजन के दौरान धोनी कथित रूप से अपने घुटने की चोट की समस्या से जूझ रहे थे जिस वजह से वो सातवें- आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतर रहे थे लेकिन... इसके बावजूद भी अपने चौकों से और हेलीकॉप्टर शॉट से उन्होनें फैंस को क्रेजी कर दिया था। बता दें एमएस धोनी को घुटने में तकलीफ है और आईपीएल 2023 के बाद तो उन्हें घुटने की सर्जरी भी करानी पड़ी थी। इसके बावजूद भी धोनी के खेल में जुनूनियत कम नहीं हुई है इसलिए उन्हें लीजेंड प्लेयर कहा जाता है, महेंद्र सिंह धोनी को उनके "कूल माइंडेड" स्वभाव के लिए जाना जाता है क्योंकि वह किसी भी दबाव की स्थिति में घबराते नहीं हैं और बेहद शांत तरीके से फैसले लेते हैं। उनकी इस खासियत के पीछे कई कारण हैं:
- दबाव में धैर्य बनाए रखना
धोनी कभी भी मैदान पर गुस्सा नहीं दिखाते, चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति हो। वह आखिरी गेंद तक संयम बनाए रखते हैं और स्थिति के अनुसार खेलते हैं।
- बुद्धिमानी और रणनीतिक सोच
वह तेज लेकिन सोच-समझकर फैसले लेते हैं, जो टीम के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। उनकी कप्तानी में कई बार असंभव लगने वाले मैच भी भारत ने जीते हैं।
- टीम के खिलाड़ियों पर भरोसा
वह खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देते हैं और उन पर भरोसा जताते हैं। जूनियर खिलाड़ियों को भी पूरा मौका देते हैं और उनसे सहजता से बात करते हैं।
- भावनाओं पर नियंत्रण
मैच के दौरान न तो उनकी खुशी ज्यादा झलकती है और न ही हार से वह विचलित होते हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज हमेशा पॉजिटिव रहती है, जिससे टीम में भी आत्मविश्वास बना रहता है।
- ‘कूल धोनी का अंदाज’
चाहे 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल हो या 2016 का टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल, धोनी हमेशा शांत दिखे। आखिरी ओवरों में भी वह घबराने की बजाय मैच को पूरी रणनीति के साथ फिनिश करते हैं। यही कारण है कि महेंद्र सिंह धोनी को "कैप्टन कूल" कहा जाता रहा है और वह क्रिकेट इतिहास के सबसे शांत और दिमागदार कप्तानों में गिने जाते हैं।
धोनी ने कुछ साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। आईपीएल नियम के अनुसार पांच साल या इससे अधिक समय पहले सन्यास ले चुके खिलाड़ी को अनकैप्ड प्लेयर माना जाता है इसलिए सीएसके ने आईपीएल 2025 के लिए मेगा नीलामी से पहले धोनी को अनकैप्ड प्लेयर के तौर पर रिटेन किया था। धोनी ने हाल ही में संकेत दिए थे कि उनमें कुछ वर्ष और खेलने की क्षमता शेष है।
News By - Anjali Mishra