
Neetu Pandey, नई दिल्ली: खेलमंत्री अनुराग ठाकुर के साथ साढ़े 5 घंटों तक चली बैठक के बाद पहलवानों के मुद्दे का हल निकालता नजर आने लगा है. अनुराग ठाकुर से मिलने के बाद बजरंग पुनिया ने कई अहम जानकारियां दी है. उनका कहना है कि सरकार ने कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की है. जिसके लिए 15 जून तक का वक्त मांगा है.
पहलवानों के लंबी लड़ाई के बाद उनका संघर्ष रंग लाता नजर आ रहा है. खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से करीब साढे पांच घंटे तक चली बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई. पूनिया ने बताया कि सरकार ने उनसे 15 जून तक का समय मांगा है. इसके साथ ही सरकार ने खिलाड़ियों के ऊपर लगे सभी केस वापस लेने का भी आश्वासन दिया है.
पूनिया का कहना है कि सरकार को ये बातचीत पहले ही कर लेनी चाहिए थी. लेकिन अगर फिर भी हमारी बात नहीं मानी गई. तो हम दोबारा आंदोलन करेंगे. वहीं खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बात करते हुए खिलाड़ियों को सुरक्षा देने की बात कही. अनुराग ने कहा कि पहलवानों ने बृजभूषण पर जो आरोप लगाए हैं. उस पर 15 जून तक चार्जशीट दाखिल की जाए और रेसर्लस फेडरेशन के चुनाव 30 जून तक कराए जाएं.
दरअसल बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने बीते दिनों रेसलर्स को न्यौता भेजा था. जिसके बाद बजरंग पूनिया अपनी मांगों को लेकर खेलमंत्री के आवास पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ साक्षी मलिक भी उनके साथ मौजूद थीं.
आपको बता दें, ये दूसरी बार है जब पहलवानों ने खेलमंत्री से मुलाकात की. इससे पहले भी 19 जनवरी को पहलवानों ने खेलमंत्री से मुलाकात की थी. जिसके बाद अनुराग ठाकुर की ओर से मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था. लेकिन कार्रवाई ना होने से नाराज पहलवान दोबारा आंदोलन पर लौट गए थे. लेकिन अब एक बार फिर इस बैठक में कुछ बड़े नतीजे निकलते दिख रहे हैं. गौरतलब है कि 3 जून को पहलवानों ने गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. जिसके बाद ही बातचीत का ये रास्ता खुला है. कहा जा रहा है कि सरकार इस मुद्दे को और लंबा खींचने के मूड में नहीं है. जिसके वह जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाना चाह रही है.
फिलहाल, अब देखना ये होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रूख इख्तियार करती है. क्योंकि पिछली बार भी सरकार की ओर से कार्रवाई करने के आश्वासन के बाद पहलवान शांत हो गए थे. लेकिन मामले का हल ना निकलता देख पहलवानों को दोबारा मोर्चा खोलना पड़ा था. लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार अबकी बार इस मुद्दे को फुल और फाइनल कर देगी. क्योंकि पहलवान भी अपनी मांगों पर अडिग रूप से कायम हैं.