
Neetu Pandey, नई दिल्ली: लखनऊ का कैसरबाग कोर्ट परिसर उस समय दहल उठा जब एक हमलावर ने पेशी पर आए कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी को गोलियों से भून डाला. हमलावर वकील की ड्रेस में कोर्ट परिसर में दाखिल हुआ था. आपको बता दें बीते दो महीनों में ये दूसरी बार है जब पुलिस अभिरक्षा में किसी कुख्यात अपराधी की हत्या की गई है. जिसके बाद से ही पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगना शुरू हो गए हैं.
बीते दिन लखनऊ का कैसरबाग कोर्ट गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. जब पेशी पर आए गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमलावर वारदात को अंजाम देने के इरादे से वकील के भेष में आया था. जिसके बाद हमलावर ने मौका पाते ही गैंगस्टर पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके उसे गोलियों से भून डाला. इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा तफरी मच गई. इस वारदात में एक पुलिसकर्मी और एक बच्ची भी घायल हो गई. हालाकि आरोपी को पुलिस ने फौरन हिरासत में ले लिया.
मरने वाला गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का करीबी था. जो बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल था. इसके अलावा उसने 10 फरवरी 1997 को बीजेपी नेता ब्रहदत्त द्विवेदी की हत्या भी हत्या की थी. इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी... जिसके बाद वो मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया था.
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बतातें चले कि जीवा यूपी के शामली का रहने वाला था. जिस पर 22 आपराधिक मामले दर्ज थे. जो लखनऊ की जेल में अपनी सजा काट रहा था. वहीं कोर्ट परिसर में हुई इस घटना पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सवाल ये नहीं है कि कौन मारा जा रहा है. सवाल ये है कि किस स्थान पर मारा जा रहा है.
फिलहाल, इस हत्याकांड के बाद एक बार फिर पुलिस प्रशासन पर सवाल खडे होने लगे हैं. क्योंकि बीते 2 महीनों में ये दूसरी बार है. जब पुलिस कस्टडी में किसी अपराधी की हत्या हुई है. इससे पहले भी अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी. जहां हमलावर भेष बदलकर पहुंचे थे और अब ये हत्याकांड. पुलिस प्रणाली और उसके सुरक्षा तंत्र पर बड़े सवाल दाग रहा हैं.