
नीतू पाण्डेय, नई दिल्ली: मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिल गई है. बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज हत्या के प्रयास आईपीसी की धारा 307 के मामले में मुख्तार को दोषमुक्त करार दिया है. इस मामले में मुख्य आरोपी सोनु यादव पहले ही बरी हो चुका है.
बता दें कि इससे पहले मुख्तार अंसारी को दो अन्य मामलों में सजा हो चुकी है. एक अन्य मामले में 20 मई को फैसला आना है. अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या के प्रयास की साजिश के आरोपित मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया है.
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आपको बता दें कि गाजीपुर थाना मुहम्मदाबाद में वर्ष 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुर ने सोनू यादव पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था और एफआईआर दर्ज करा दिया था. लेकिन इसमें मुख्तार अंसारी नामजद अभियुक्त नहीं थे. विवेचना में पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर धारा 120बी का केस दर्ज किया था. हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी सोनू यादव कोर्ट से बरी हो चुका है. अब मुख्तार अंसारी को भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया.
फिलहाल अभी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. माफिया मुख्तार अंसारी की आज गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए कराई गई. जिसके बाद मुख्तार अंसारी ने राहत की सांस ली.