
नीतू पाण्डेय, नई दिल्ली: पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार यानी 25 अप्रैल को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. प्रकाश सिंह बादल राजनीति हो या जीवन आसानी से हार मानने वालों में से नहीं थे. पंजाब की सियासत को अगर किताब के पन्नों पर लिखा जाए तो प्रकाश सिंह के बिना ये पन्ने अधूरे से रहेंगे. मंगलवार रात करीब 8:28 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली. जानकारी के अनुसार, उनका मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में निधन हुआ. बादल का पार्थिव शरीर की बुधवार सुबह मोहाली से बठिंडा बादल गांव तक अंतिम यात्रा निकाली जाएगी.
प्रकाश दिल बादल अस्पताल में थे भर्ती
बताया जा रहा है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल को सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत के बाद एक हफ्ते पहले मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर 26 और 27 अप्रैल को दो दिनों का राजकीय शोक होगा. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.
पार्थिव शरीर बादल गांव ले जाया जाएगा
प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ के सेक्टर 28 में शिरोमणि अकाली दल के मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए लाये जाने की खबर है. इसके बाद दोपहर 12 बजे के बाद उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ से राजपुरा, पटियाला, बरनाला रामपुरा फूल बंठिडा होते हुए बादल गांव ले जाया जाएगा.
1 बजे अंतिम संस्कार होगा
बता दें कि बादल गांव में ही दोपहर 1 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्हें 16 अप्रैल को ब्रोन्कियल अस्थमा यानी सांस की नलियों में जलन, सिकुड़न, सूजन, ज्यादा बलगम बनने के कारण सांस लेने में समस्या होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन 18 अप्रैल को उनकी हालात ज्यादा बिगड़ने के कारण उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था.
कई राजनेताओं ने जताया शोक
कई राजनेताओं ने भी उनके निधन पर शोक जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि बादल जी के निधन पर अत्यंत दुख हुआ. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी निधन पर शोक जताया है. राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई राजनेताओं ने प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक जताया है.
प्रकाश सिंह बादल का राजनीति सफर
प्रकाश सिंह बादल ने 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ा था. वे पहली बार कोई चुनाव हारे थे. प्रकाश सिंह बादल यह चुनाव भले ही हार गए थे, लेकिन देश में चुनाव लड़ने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति होने के नाते रिकॉर्ड बुक में उनका नाम दर्ज हो गया. लेकिन इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली. बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरु की. उन्होने 1957 में सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा. इसके बाद वो 1969 में चुनाव जीते. उन्होने संरपंच से सीएम बनने का सफर तय किया. वो 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के सीएम थे और सांसद भी चुने गए.




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