
नीतू पाण्डेय, नई दिल्ली: प्रतिबंधित संगठन PFI के कई ठिकानों पर NIA ने छापेमारी की है. जिनमें बिहार के 12 और यूपी के 2 जगहों पर छापा मारा है. सूत्रों की मानें तो PFI के कार्यकर्ता एक बार फिर देश में एक्टिव हो रहे हैं. जिन पर नकेल कसने के लिए ये कार्रवाई की जा रही है.
भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक बार फिर NIA के निशाने पर आ चुका है. NIA ने PFI के 17 ठिकानों पर छापेमारी की है. इनमें यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश जैसे कई राज्य शामिल हैं. जिनमें 12 बिहार, दो यूपी और मध्यप्रदेश गोवा और पंजाब में छापा मारा है.
जानकारी के मुताबिक, PFI एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश कर रहा है. जिसके चलते उस पर ये एक्शन लिया गया है. सूत्रों की मानें तो देश में संगठन के बैन होने के बाद संगठन के कार्यकर्ता एक बार फिर देशविरोधी गतिविधियों का काम शुरू कर दिया है. जिसके चलते NIA ने बिहार के मोतिहारी और चकिया में छापा मारा. इसले अलावा चकिया के कुँआवा गांव में सज्जाद अंसारी के घर भी NIA की टीम ने छापा मारा.
इसके अलावा डेंटिस्ट डाक्टर सारिक रजा और सिंधवाडा पुलिस थाना के शंकरपुर गांव के महबूब के घर छापा मारा है. सूत्रों की मानें तो इससे 1 महीने पहले भी NIA की टीम PFI से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
पीएफआई बीते लंबे समय से आतंकवादियों गतिविधियों को आपरेट कर रहा है. जिसके चलते उस पर पहले भी कार्रवाईयां की चुकी हैं... आपको बता दें PFI का मकसद 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. हालांकि ऐसे भी आरोप लगते हैं कि कई आतकंवादी गतिविधियों में जब SIMI नाम के संगठन का नाम सामने आया और इस पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया. तब इसके विकल्प के रूप में PFI बना और SIMI के लोग इसमें शामिल हो गए.
शुरुआत से ही PFI पर साम्प्रदायिक दंगों को भड़काने और नफरत का माहौल तैयार करने के आरोप लगते रहे हैं. वर्ष 2014 में केरल हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जमा किए गए एक हलफनामे के अनुसार, PFI के कार्यकर्ता केरल में हुई 27 राजनीतिक हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार थे. जबकि इसी हलफनामे में केरल सरकार ने ये भी बताया था कि PFI केरल में हुई 106 साम्प्रदायिक घटनाओं में किसी ना किसी रूप में शामिल था.
ये भी पढ़ें- Delhi Fire: दिल्ली के चर्चित सरोजनी नगर मार्केट में लगी आग, 4 दुकानें जल कर खाक, करोड़ों रुपए का नुकसान
ये संगठन कितना कट्टर है इसका पता इसी बात से चलता है कि आतंकियों ने एक शिक्षक का हाथ केवल इसलिए काट दिया क्योंकि उसने मोहम्मद पैगंबर से जुड़ा एक सवाल परीक्षा में पूछ लिया था. जिसे धार्मिक अपमान मानकर इस संगठन ने उसके साथ इस बर्बरता को अंजाम दिया.
बता दें कि ये संगठन पहले केरल जैसे तमाम दक्षिण भारत के इलाकों में सक्रिय था लेकिन अब ये अपने पैर उत्तर भारत में भी पसार रहा है. जिस पर लगाम लगाने के लिए NIA ने पिछले साल इसके 22 बैंक खातों को फ्रीज किया था. जिनमें 68 लाख की रकम जमा थी. ED के मुताबिक, इन खातों में 60 करोड़ रूपये की धनराशि जमा हुई थी. जिनमें 30 करोड़ नकद तौर पर जमा की गई थी.
बहरहाल, इस समय NIA का शिकंजा PFI पर कसता ही जा रही है. जांच एजेंसिया ऐसे किसी भी संगठन को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं जो देश और यहां के नागरिकों के लिए खतरा साबित हो सकते हैं. जिसके चलते ये ताबड़तोड़ एक्शन जारी है.




.jpg)
