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उन्नाव रेप केस में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है। दोषी करार दिए जा चुके पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सेंगर की आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर उन्हें जमानत दी गई थी। सीजेआई सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने मामले की गंभीरता और कानूनी पहलुओं को देखते हुए यह फैसला लिया और सेंगर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें जमानत दी गई थी। यह फैसला सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के बाद लिया गया।
बता दें कोर्ट की वेकेशन बेंच ने कुलदीप सेंगर को नोटिस जारी किया है और उनसे चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए यह कदम उठाया।
पीड़िता को पक्ष रखने की अनुमति
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्नाव रेप पीड़िता को इस मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी।अदालत ने कहा कि पीड़िता के अधिकारों और सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
CBI ने बताया मामला बेहद गंभीर
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी पीड़िता के प्रति पूरी तरह जिम्मेदार है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि सेंगर को रिहा करने का कोई सवाल नहीं है। वह पहले से ही पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में सजा काट रहे हैं, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली है।
पीड़िता ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता
सुनवाई से पहले पीड़िता ने कहा कि उसे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। साथ ही उसने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
हाई कोर्ट के फैसले पर हुआ था विवाद
दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की सजा निलंबित करते हुए उन्हें सशर्त जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने तय न्यूनतम अवधि से अधिक समय जेल में बिताया है और इस मामले में POCSO कानून लागू नहीं होता।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में विरोध देखने को मिला। दिल्ली में पीड़िता और उसकी मां के साथ सुरक्षा बलों के व्यवहार को लेकर भी सवाल उठे थे, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया।
- YUKTI RAI




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