साल 2025 अब समाप्ति की ओर है। यह साल भारतीय राजनीति के लिए काफी हलचल भरा रहा। पूरे साल अलग-अलग मुद्दों पर सियासी घमासान देखने को मिला। कई विवाद सड़कों से लेकर संसद और टीवी डिबेट तक छाए रहे। आइए नजर डालते हैं उन 10 बड़े राजनीतिक विवादों पर, जिन्होंने पूरे साल सुर्खियां बटोरीं।
1. मनरेगा में बदलाव और ‘G राम G’ विवाद
केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए नए नाम और मॉडल की चर्चा की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ग्रामीण गरीबों की सबसे अहम रोजगार योजना को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
2. नीतीश कुमार और हिजाब मामला
बिहार के एक सरकारी कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक महिला डॉक्टर के हिजाब को लेकर विवाद खड़ा हो गया। आरोप लगे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिजाब हटाया। इस मुद्दे पर विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
3. RG Kar मेडिकल कॉलेज मामला
कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोप सामने आए। जांच शुरू होते ही यह मामला केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच टकराव का कारण बन गया। भाजपा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया।
4. राहुल गांधी की ‘दो भारत’ टिप्पणी
राहुल गांधी ने विदेश में दिए भाषण में भारत में असमानता और ‘दो तरह के नागरिक’ होने की बात कही। भाजपा ने इस बयान को देश की छवि खराब करने वाला बताया और इसे राष्ट्रविरोधी सोच करार दिया।
5. ‘I Love Muhammad’ और ‘I Love Mahadev’ विवाद
उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक नारों और पोस्टरों को लेकर विवाद खड़ा हो गया। प्रशासन ने इन्हें हटाने का आदेश दिया। विपक्ष ने इसे भेदभाव बताया, जबकि सरकार समर्थकों ने इसे सांप्रदायिक तनाव रोकने की कार्रवाई कहा।
6. वक्फ बिल पर सियासी बवाल
सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव के लिए नया बिल पेश किया। सरकार का कहना था कि इससे पारदर्शिता आएगी, लेकिन विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक संस्थाओं में सरकारी दखल बताया।
7. जातिगत जनगणना की मांग तेज
2025 में जातिगत जनगणना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनकर उभरा। राहुल गांधी ने कई चुनावी रैलियों में इसे प्रमुख मुद्दा बनाया और कहा कि मौजूदा आंकड़े सामाजिक सच्चाई को नहीं दिखाते।
8. पीएम मोदी की मां पर टिप्पणी पर विवाद
दरभंगा में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का वीडियो वायरल हुआ। भाजपा ने इसे राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी और मामला दर्ज कराया।
9. लालू परिवार में टूट और बगावत
साल की शुरुआत में लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया। इसके बाद तेज प्रताप ने अलग राह चुनने का ऐलान किया। हालांकि चुनावी राजनीति में उन्हें खास सफलता नहीं मिली। बाद में लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य का परिवार से दूरी बनाना भी चर्चा में रहा।
10. SIR और घुसपैठियों का मुद्दा
चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया पूरे साल विवाद में रही। सरकार ने कहा कि इसका उद्देश्य फर्जी मतदाताओं और घुसपैठियों के नाम हटाना है, जबकि विपक्ष ने इसे राजनीतिक हथियार बताया।
- YUKTI RAI






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