बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में झुलस रहा है अभी कुछ दिन पहले बांग्लादेश में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास के साथ मॉब लिंचिंग हुई और उसको जिंदा जला दिया। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश हाई कमीशन के पास विरोध प्रदर्शन किया।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता
आज सुबह 11 बजे से बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता जुटकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर मेडिकल छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता गहराती जा रही है।
यूनुस सरकार ने भारतीय हाई कमिश्नर को किया तलब
बांग्लादेश में भारत के हाई कमिश्नर प्रणय वर्मा को मंगलवार सुबह बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। इस बैठक में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर भी मौजूद थे। बांग्लादेश के विदेश सचिव असद अल सियाम ने यह बैठक बुलाई।
मिशनों की सुरक्षा पर जताई चिंता
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत के विभिन्न हिस्सों में बांग्लादेशी मिशनों के आसपास सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को लेकर यह बातचीत हुई। बांग्लादेश ने भारत से अपने सभी मिशनों की सुरक्षा और कड़ी करने की अपील की है।
पहले भी तलब हो चुके हैं हाई कमिश्नर
इससे पहले 14 दिसंबर को भी प्रणय वर्मा को तलब किया गया था। तब बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कथित भड़काऊ बयानों पर आपत्ति जताई थी और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के आरोपी को भारत भागने से रोकने में सहयोग मांगा था।
दो दिन पहले भी हुआ था प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के विरोध में 20 दिसंबर को भी दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुआ था। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि यह प्रदर्शन छोटा और शांतिपूर्ण था, जिसमें 20–25 युवा शामिल थे।
ढाका में भी दीपू के लिए न्याय की मांग
22 दिसंबर 2025 को ढाका के नेशनल प्रेस क्लब के सामने हिंदू संगठनों और अल्पसंख्यक समूहों ने दीपू की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि दीपू पर झूठा ईशनिंदा का आरोप लगाया गया और फिर भीड़ ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
अल्पसंख्यकों पर हमलों का आरोप
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। उनका कहना है कि जनवरी 2025 से अब तक 50 से अधिक गैर-मुस्लिमों की हत्या हो चुकी है और कई लोगों को झूठे ईशनिंदा मामलों में फंसाया गया है।
फैक्ट्री विवाद से जुड़ी थी हत्या की शुरुआत
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास पायनियर निटवेयर्स (BD) लिमिटेड नामक गारमेंट फैक्ट्री में फ्लोर मैनेजर थे। प्रमोशन से जुड़े विवाद के बीच कुछ कर्मचारियों ने उन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया।
भीड़ के हवाले कर दी गई जान
परिजनों के मुताबिक, 18 दिसंबर 2025 को दीपू को जबरन इस्तीफा दिलवाकर फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया और बाद में भीड़ के हवाले कर दिया गया। कुछ ही देर बाद उनकी मौत की सूचना मिली। जब परिवार मौके पर पहुंचा, तो दीपू का शव जला हुआ पाया गया।
Written By-Anjali Mishra






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