दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नियमों को और कड़ा करने का फैसला किया है। सरकार का साफ कहना है कि जरूरी सुविधाएं चलेंगी, लेकिन नियमों का पालन हर हाल में करना होगा। जो नियम तोड़ेगा, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
वर्क फ्रॉम होम नियम न मानने पर दफ्तर सील होंगे
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि निजी कंपनियों में कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू होना चाहिए। जो कंपनियां इस आदेश का पालन नहीं करेंगी, उनके कार्यालय सील किए जा सकते हैं।
वहीं अब नियम तोड़ने वाले किसी भी उद्योगों को भी कोई छूट नहीं मिलेगी। जो भी फैक्ट्री या औद्योगिक इकाई वायु प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करती पाई जाएगी, उसे तुरंत बंद किया जाएगा।
‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम रहेगा सख्त
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि बिना पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों को ईधन नहीं मिलेगा। अब तक 2 लाख से ज्यादा वाहनों की जांच की जा चुकी है। इनमें से लगभग 10 हजार वाहन तय उत्सर्जन मानकों पर खरे नहीं उतरे।
पीयूसी जांच को बेहतर बनाने के लिए सभी केंद्रों पर नई मशीनें लगाई जा रही हैं। जांच में पारदर्शिता लाने के लिए थर्ड पार्टी सिस्टम भी लागू किया जा रहा है।
एएनपीआर कैमरों की तकनीकी दिक्कतों की जांच
एएनपीआर कैमरों में तकनीकी खामियों को लेकर आई शिकायतों पर मंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और जल्द समाधान किया जाएगा।
अवैध उद्योगों की पहचान कर कार्रवाई
एमसीडी और डीपीसीसी मिलकर अवैध और बिना अनुमति चल रहे उद्योगों की जांच कर रहे हैं। जो इकाइयां 31 दिसंबर तक ओईसीएम सर्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं करेंगी, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
धूल रोकने के लिए सफाई अभियान तेज
सड़कों पर धूल कम करने के लिए दिन-रात सफाई और पानी का छिड़काव किया जा रहा है। लैंडफिल साइट्स पर बायो-माइनिंग का काम चल रहा है, जहां रोज़ लगभग 35 हजार मीट्रिक टन कचरे की वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेसिंग की जा रही है।
ओला-ऊबर के साथ ई-बस सेवा पर विचार
प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ओला और ऊबर जैसी निजी कंपनियों के साथ ई-बस सेवा शुरू करने की संभावना पर विचार कर रही है। योजना के तहत साझा और पूल व्यवस्था में इलेक्ट्रिक बसें चलाने पर चर्चा होगी। इससे निजी वाहनों की संख्या घटेगी, ट्रैफिक कम होगा और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
शहर के जलाशयों को फिर से जीवित करने की योजना
सरकार ने फैसला किया है कि शहर के पुराने और उपेक्षित जलाशयों को फिर से उनके मूल रूप में लाया जाएगा। लक्ष्य है कि पहले चरण में कम से कम 50 प्रतिशत जलाशयों को बहाल किया जाए। इससे धूल कम होगी और पर्यावरण को फायदा मिलेगा।
- YUKTI RAI






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