
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने आरोप लगाया है कि बिहार में एनडीए को 'पैसे के दम पर' जीत मिली है। मुकेश सहनी का कहना है कि, "चुनाव में तो हार-जीत होती है। महागठबंधन को सफलता नहीं मिली और NDA को सफलता मिली है। हम उनको बधाई देते हैं। लेकिन उनको जनादेश नहीं मिला है, पैसे के दम पर उनको जनादेश मिला है। देश का लोकतंत्र खतरे में है। चुनाव के समय में अगर किसी को पैसे दिए जाए, तो यह एक बड़ा सवाल है देश में रील में चल है कि 10 हजार में क्या मिलता है तो बता दें कि 10 हजार में बिहार सरकार मिलता है।
उन्होंने आगे कहा कि ये अपने आप में आश्चर्यजनक बात है कि देश में ये चल रहा है पहले रात के अंधेरे में कुछ लोग जो पैसे वाले दबंग होते थे वह गरीब को पैसा देकर वोट खरीद लेते थे और सरकार बना देते थे या विधायक मंत्री बन जाते थे। वह काम इललीगल होता था वही काम को सरकार आज के समय में पावर में पैसे के दम पर कर रही है।
10-10 हजार रुपये देकर सरकार ने लिया वोट
सरकार जनता के ही पैसे का इस्तेमाल कर रही है। वही पैसा माताओं और बहनों के खातों में 10-10 हजार रुपये के रूप में भेजा गया, ताकि उन्हें वोट मिले। हमारी माताओं और बहनों ने उनका साथ दिया और उन्हें जीता दिया।
#WATCH | पटना: VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा, "चुनाव में तो हार-जीत होती है। महागठबंधन को सफलता नहीं मिली और NDA को सफलता मिली है। हम उनको बधाई देते हैं...लेकिन उनको जनादेश नहीं मिला है, पैसे के दम पर उनको जनादेश मिला है। देश का लोकतंत्र खतरे में है। चुनाव के समय में अगर किसी को… pic.twitter.com/rWoEfjRuhy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 16, 2025
युवा ने महागठबंधन को दिया वोट
राज्य के अधिकांश युवा इस बार भी महागठबंधन के साथ खड़े रहे। 2020 की तुलना में इस चुनाव में भी युवाओं ने हमें अच्छा समर्थन दिया। युवा नौकरी की उम्मीद में हमारे साथ बने रहे। लेकिन माताओं और बहनों के बड़े हिस्से का वोट इस बार एनडीए के खाते में चला गया।
लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूती से 2029 की तैयारी करेंगे
मुकेश सहनी ने कहा, "देश का लोकतंत्र खतरे में है। बीच चुनाव में अगर किसी को पैसा दिया जाए, तो यह एक बड़ा सवाल है। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूती से 2029 की तैयारी करेंगे।"
सरकार को 'जीविका दीदी' से किए वादे पूरे करने चाहिए
उन्होंने ये भी कहा, "सरकार ने जीविका दीदियों को 10 हजार रुपये देकर आगे जो 1 लाख 90 हजार रुपये देने का वादा किया था, उसे सरकार जल्द से जल्द दे, नहीं तो इसके लिए वे जीविका दीदियों के लिए राज्य में आंदोलन करेंगे।"
Saurabh Dwivedi


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