
कहावत है “अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना” और पाकिस्तान ने ठीक यही किया है। जल्दबाजी, गलत फैसले और घटिया रणनीति की वजह से अब पाकिस्तान खुद ही अपने किए पर पछता कर रहा है। अफगानिस्तान के खिलाफ उठाया गया कदम उसे भारी पड़ गया है और हालात पहले से ज्यादा खराब हो गए हैं।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा था। हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए। इसी दौरान पाकिस्तान ने तालिबान शासित अफगानिस्तान पर हवाई हमले किए। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने गुस्से में आकर अफगानिस्तान के साथ सीमा व्यापार भी पूरी तरह बंद कर दिया।
पाकिस्तान को लगा था कि व्यापार रोकने से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा और तालिबान दबाव में आ जाएगा। लेकिन यहां पाकिस्तान की घटिया सोच और गलत आकलन पूरी तरह फेल हो गया। व्यापार बंद करने का सबसे बड़ा नुकसान खुद पाकिस्तान को ही झेलना पड़ा।
बॉर्डर बंद होने से पाकिस्तान को भारी नुकसान
पाकिस्तान-अफगानिस्तान जॉइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PAJCCI) ने हालात को लेकर बड़ा खुलासा किया है। चैंबर के मुताबिक, अफगानिस्तान के साथ बॉर्डर बंद होने की वजह से अब तक पाकिस्तान के व्यापार को 4.5 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खेती और निर्माण कार्य के पीक सीजन के दौरान पाकिस्तान का रोजाना एक्सपोर्ट 50 से 60 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था जो अब पूरी तरह ठप हो गया है।
आगे और बढ़ सकता है नुकसान
PAJCCI ने चेतावनी दी है कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो दिसंबर से मार्च के बीच संतरा और आलू जैसे मौसमी उत्पादों के निर्यात में करीब 200 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त नुकसान हो सकता है। इसका सीधा असर पाकिस्तान के किसानों, छोटे व्यापारियों और पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
व्यापार बंद करने की वजह क्या रही?
दरअसल, पाकिस्तान का आरोप है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाके अफगानिस्तान से आकर उसके देश में आतंकी हमले कर रहे हैं। इन कथित हमलों में पाकिस्तानी सेना के कई जवानों की मौत हुई है और आम नागरिकों की जान भी गई है। इसी वजह से पाकिस्तान ने करीब दो महीने पहले अफगानिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रास्ते बंद कर दिए थे।
अफगानिस्तान की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान के इस कदम के जवाब में अफगानिस्तान ने भी पलटवार किया। इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (IEA) ने पाकिस्तान के साथ व्यापार निलंबित कर दिया और अपने व्यापारियों और उद्योगपतियों से वैकल्पिक व्यापार मार्ग अपनाने की अपील की। अफगान अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान बार-बार बॉर्डर बंद कर व्यापार और मानवीय मुद्दों को राजनीति से जोड़ रहा था, इसलिए उनके पास यह कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
खत्म होता अहम व्यापार गलियारा
पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन ने PAJCCI के हवाले से बताया कि बॉर्डर बंद होने से एक बेहद अहम व्यापार गलियारा लगभग खत्म हो गया है, जिसकी सालाना कीमत अरबों डॉलर में थी। बंदी से पहले दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार करीब 2 से 3 अरब डॉलर का था।
पाकिस्तान को ही पड़ा उलटा असर
अब हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान का लिया गया फैसला उसी पर भारी पड़ गया है। एक तरफ भारत पहले से ही उसे आर्थिक मोर्चे पर नुकसान पहुंचा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान के साथ व्यापार रुकने से पाकिस्तान को अरबों डॉलर का अतिरिक्त झटका लग रहा है।
Saurabh Dwivedi





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