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देश की राजधानी दिल्ली में बीते महीने लाल किले के पास हुए भीषण कार बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में एजेंसी ने एक और अहम आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी जांच की दिशा में एक जरूरी कदम मानी जा रही है, क्योंकि इससे आतंकी साजिश की परतें और खुलने की उम्मीद है।
नौवां आरोपी यासिर अहमद डार गिरफ्तार
NIA ने जिस आरोपी को पकड़ा है, उसका नाम यासिर अहमद डार बताया गया है। वह जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले का रहने वाला है। एजेंसी के मुताबिक, यासिर इस केस में गिरफ्तार किया गया नौवां आरोपी है। उसे नई दिल्ली से हिरासत में लिया गया और बाद में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।
किन धाराओं में हुई गिरफ्तारी?
NIA ने यासिर अहमद डार को केस नंबर RC-21/2025/NIA/DLI के तहत गिरफ्तार किया है। उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम – UAPA 1967 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। एजेंसी का कहना है कि आरोपी की भूमिका बेहद गंभीर है।
आतंकी साजिश में सक्रिय भूमिका का आरोप
जांच में सामने आया है कि यासिर अहमद डार 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। NIA के अनुसार, उसने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर शपथ भी ली थी। वह लगातार अन्य आरोपियों के संपर्क में था।
मारे गए आतंकी और अन्य आरोपियों से संपर्क
NIA का दावा है कि यासिर के संपर्क में मृत आतंकी उमर उन नबी, जिसने धमाके को अंजाम दिया था, और अन्य आरोपी मुफ्ती इरफान भी थे। एजेंसी को शक है कि यासिर ने साजिश की योजना बनाने और उसे जमीन पर उतारने में मदद की।
कई राज्यों में छापेमारी, अहम सबूत बरामद
इस आतंकी हमले की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए NIA केंद्र और राज्य की कई एजेंसियों के साथ मिलकर जांच कर रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। इन तलाशी अभियानों के दौरान डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
पहले भी हो चुकी है बड़ी कार्रवाई
इससे पहले NIA ने इस केस के मुख्य आरोपियों डॉ. मुजम्मिल शकील गनी और डॉ. शाहीन सईद से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। ये कार्रवाई हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फला यूनिवर्सिटी और अन्य स्थानों पर की गई थी।
आगे और गिरफ्तारियों के संकेत
NIA का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एजेंसी का मकसद इस हमले से जुड़े हर व्यक्ति को कानून के शिकंजे में लाना है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
Saurabh Dwivedi



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