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भारत ने पाकिस्तान की गुप्त परमाणु गतिविधियों को लेकर एक साफ और सख्त प्रतिक्रिया दी है। यह बयान उस समय आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास को देखते हुए ऐसे आरोप चौंकाने वाले नहीं हैं।
पाकिस्तान का पुराना रिकॉर्ड
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियाँ, गुप्त हथियार विकास और तस्करी उसके लंबे इतिहास का हिस्सा रही हैं। उन्होंने खासकर A.Q. खान नेटवर्क का ज़िक्र किया, जिसके माध्यम से पाकिस्तान ने कई देशों में परमाणु तकनीक फैलाने का काम किया था।
उन्होंने कहा: “पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियाँ दशकों से गुप्त साझेदारियों, निर्यात नियंत्रण के उल्लंघन और अवैध तस्करी पर आधारित रही हैं। हम इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पहले भी दिलाते रहे हैं।”
ट्रंप ने क्या कहा था?
अमेरिकी चैनल CBS के कार्यक्रम 60 Minutes में ट्रंप ने कहा कि कई देश चुपचाप परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। उनके अनुसार- रूस, चीन, उत्तर कोरिया और और पाकिस्तान गुप्त रूप से नए परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप ने यह बात बिना किसी प्रमाण या विवरण के कही, जिसके बाद दुनिया भर में चर्चाएँ शुरू हो गईं।
भूकंप और परीक्षण की अटकलें
अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में अप्रैल और मई 2025 के बीच 4.0 से 4.7 तीव्रता के भूकंप आए। विशेषज्ञों ने इन्हें 1998 में पाकिस्तान द्वारा किए गए चगाई परमाणु परीक्षण वाले भूकंपों से मिलता-जुलता बताया। इसी वजह से गुप्त परीक्षण किए जाने की अटकलें उठीं।
पाकिस्तान का इनकार
पाकिस्तान ने साफ कहा, “हम परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू करने वाले पहले नहीं होंगे।” पाकिस्तान की सेना और सरकार ने दावा किया कि भूकंप प्राकृतिक थे, न कि किसी परीक्षण का नतीजा।
Saurabh Dwivedi



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