.jpg)
Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव 2025 की मतगणना में राघोपुर सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला, लेकिन अंत में राजद नेता तेजस्वी यादव ने करीब 11,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। यह सीट लंबे समय से राजद का मजबूत गढ़ मानी जाती है, जहां एक बार फिर तेजस्वी ने अपनी पकड़ साबित की।
दिनभर चला रोमांचक मुकाबला
मतगणना के दौरान कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। एनडीए उम्मीदवार से कड़ी टक्कर मिलने के बावजूद अंत में बढ़त तेजस्वी के पक्ष में रही। सुबह मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि "यह जनता की जीत होगी। बदलाव आएगा। हम सरकार बना रहे हैं।" उनके इस आत्मविश्वास की झलक नतीजों में भी देखने को मिली।
राघोपुर: राजद का पुराना किला
यह सीट लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का भी पुराना चुनाव क्षेत्र रहा है। तेजस्वी 2015 से लगातार इस सीट से विधायक हैं। 2020 में उन्होंने यहां से 38,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस वजह से राघोपुर को राजद की सबसे सुरक्षित सीट कहा जाता है।
कौन-कौन थे तेजस्वी के सामने?
बीजेपी उम्मीदवार: सतीश कुमार यादव
2010 में राबड़ी देवी को हराकर चर्चा में आए थे।
इस बार भी मुकाबला उन्होंने काफी कड़ा बनाया।
जन सुराज पार्टी का उम्मीदवार
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी यहां से उम्मीदवार उतारा, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हुआ।
जनशक्ति जनता दल के प्रेम कुमार
विशेष बात यह कि प्रेम कुमार, तेजस्वी के सौतेले भाई तेज प्रताप यादव की नई पार्टी के उम्मीदवार हैं। इस वजह से राघोपुर की लड़ाई पारिवारिक राजनीति की वजह से और चर्चा में रही।
क्यों चर्चा में रहा राघोपुर?
तेजस्वी का चुनावी किला होने की वजह से मीडिया का लगातार ध्यान रहा। प्रशांत किशोर ने पहले संकेत दिया था कि वे यहीं से चुनाव लड़ सकते हैं, जिससे चर्चा और बढ़ गई। बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी ने फैसला किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और पूरे राज्य के अभियान पर ध्यान देंगे।
राघोपुर एक बार फिर साबित करता है कि राजद के लिए यह सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि राजनीतिक परंपरा और भावनाओं का गढ़ है।
Saurabh Dwivedi



.jpg)
.jpg)



.jpg)
.jpg)

.jpg)