
भारत में सोने की कीमतों ने मंगलवार को 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर लिया। यानि कि सोना अब लखटकिया हो चुका है। वहीं बाजार में सोने के बढ़ते भाव को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इस तेज उछाल से अस्थायी सुधार हो सकता है, लेकिन इस स्तर से कोई भी गिरावट अधिकतम 10 प्रतिशत तक सीमित रहने की संभावना है।
मुद्रास्फीति और सोना
सोने को पारंपरिक रूप से मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है। अस्थिरता से चिह्नित मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति के साथ, निवेशक तेजी से एक सुरक्षित और विश्वसनीय संपत्ति के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति केवल मजबूत हुई है क्योंकि सोना लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है। जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया (GJC) के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सोने की कीमतों में इस तरह के सुधार एक तेज उछाल के बाद स्वाभाविक हैं और थोड़े समय के लिए होते हैं।
4,000 डॉलर पहुंचेगा सोना?
सोने को लेकर गोल्डमैन सैक्स को भी उम्मीद है कि सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएगा। यह तेजी दो प्रमुख कारकों, डी-डॉलराइजेशन और टैरिफ के कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की बढ़ती खरीद से प्रेरित है।
सोने में चीनी निवेश
वहीं सोने की कीमतों में उछाल के पीछे मुख्य कारणों में से चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को भी माना जा रहा है। चीन का बीमा क्षेत्र भी आर्थिक जोखिमों से बचने के लिए सोने में भारी निवेश कर रहा है।
-TNP NEWS