
किडनी की बीमारी से जूझ रहे 88 साल के पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि अब कैसे होता है 'पोप' का 'फ्यूनरल'? किसको मिलेगा अब 'पोप' का सम्मान ? 'पोप' चुनें जाने की प्रक्रिया क्या है?
पोप और कार्डिनल्स में अंतर
कार्डिनल्स कॉलेज जिसको, सेक्रेड कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स भी कहा जाता है। यह रोमन कैथोलिक चर्च का महत्वपूर्णं संगठन होता है। कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स में वो सभी सदस्य शामिल होते हैं, जो कि चर्च के सबसे वरिष्ठ सदस्य होते हैं। कैथोलिक में पोप के बाद कार्डिनल का पद एकमात्र ऐसा पद होता है जो सर्वोच्च माना जाता है। बात करें पोप चुने जाने की तों, अगले पोप का चयन कार्डिनल्स के द्वारा ही किया जाएगा, जो अगले कुछ दिनों में कॉन्क्लेव के लिए रोम रवाना होंगे। कार्डिनल्स नाम लैटिन के शब्द कम क्लेव से आया है, जिसका अर्थ है “कुंजी के साथ”, जो पोप के चुनाव की असर्वाजनिक प्रक्रिया को दर्शाता है।
पोप बनने के नियम
जब कार्डिनल रोम में एकत्रित होते हैं, आमतौर पर पोप की मृत्यु के 15-20 दिन बाद, वे सिस्टिन चैपल में 'माइकल एंजेलो' की शानदार तस्वीर के समकक्ष विचार-विमर्श शुरू करते हैं। "एक्स्ट्रा ओम्ने" यानी "हर कोई बाहर", ये बोलकर कार्डिनल मतदाता, मुट्ठी भर अधिकारि और डॉक्टरों को छोड़कर सभी को बाहर कर, दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। नियमों के तहत 80 साल से कम उम्र के 115 कार्डिनल ही नए पोप के चुनाव में वोट दे सकते हैं। यह चुनाव वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपेल में किया जाता है।
आपको बता दें की, 'पोप' पुरुष ही बन सकता है, हालांकि इसके लिए कोई उम्र सिमा नहीं तय की गई है। किसी कार्डिनल को दो-तिहाई वोट मिलने तक मतदान होता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक किसी भी कार्डिनल को 77 कार्डिनल्स के वोट नहीं मिल जाते हैं। इसके बाद ही नए पोप का चयन होता है। यह प्रक्रिया लंबी भी चल सकती है। चुनाव में गुप्त मतदान के जरिये कागज के मत-पत्रों द्वारा वोटिंग की जाती है।
कौन होगा अगला पोप
अब पोप फ्रांसिस के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में कई कार्डिनल्स के नाम पर विचार किया जा रहा है, जिनमें कार्डिनल लुइस एंटोनियो टैगले, कार्डिनल मैटेओ जुप्पी और कार्डिनल पीटर टर्कसन शामिल हैं।
Published by: Tulsi Tiwari