
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी देशों से आने वाले आयातों पर नया टैरिफ लगाने का ऐलान किया। जिसके बाद दुनिया के कई देशों में बाजार धराशायी हो गए। वहीं इसका असर भारतीय बाजार में भी अभी तक बना हुआ है। इकोनॉमिक्स के जानकारों की मानें तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष लगभग 58,000 से 61,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। वहीं आज सोमवार का दिन शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे साबित हुआ।
टैरिफ से प्रभावित होने वाले उद्योग
भारत में टैरिफ नीति के प्रभाव से प्रभावित होने वाले कई उद्योगों है इसमें सबसे अधिक प्रभाव रसायन और पेट्रोकेमिकल्स उद्योग को हो सकता है वही ऑटोमोबाइल, आभूषण और हीरा, फार्मास्युटिकल्स, खाद्य और कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी, विमानन और अंतरिक्ष, वस्त्र और परिधान, ऊर्जा और पेट्रोलियम जैसे उद्योग को प्रभाव पड़ सकता है।
टैरिफ निजात के लिए क्या करेगा भारत
टैरिफ प्रभावों को देखते हुए, भारत सरकार अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर विचार कर रही है, जिसमें टैरिफ में कटौती और द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के उपाय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारत ने कुछ उत्पादों पर टैरिफ में पहले ही कटौती की है, जैसे उच्च श्रेणी की मोटरसाइकिलों पर 50% से घटाकर 30% और बोरबॉन व्हिस्की पर 150% से घटाकर 100% किया गया है। इन उपायों के बावजूद, ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति से उत्पन्न होने वाले व्यापार तनावों का समाधान ढूंढ़ने के लिए भारत और अमेरिका के बीच निरंतर संवाद और सहयोग आवश्यक होगा।
टैरिफ से अर्थव्यवस्था पर पडेगा असर
टैरिफ नीति का अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव काफी व्यापक और जटिल हो सकता है, जो विभिन्न क्षेत्रों और समग्र आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित करता है। जैसे व्यापार संतुलन में निर्यात कम हो सकता है इसके साथ ही जीवनयापन की लागत में खाद्य, ऊर्जा और अन्य आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने से सामान्य लोगों पर असर सकता है। टैरिफ निति से GDP पर गहरा प्रभाव पड सकता है जिसकी वजह से रोजगार में गिरावट और नौकरियों के अवसर कम हो सकते हैं।