
नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर कल राजशाही समर्थकों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं। वहीं उग्र समर्थकों ने वाहनों और एक घर को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद टिंकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं आज जाकर स्थिति नियंत्रण में है।
हटाया गया कर्फ्यू
नेपाल में स्थिति सामान्य होने पर अब काठमांडू के पूर्वी हिस्से में कर्फ्यू हटा लिया गया है। हालांकि, कल हुई हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत की भी खबर है। हिंसा यहां तक बढ़ गई कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाना पड़ा। वहीं आज सुबह 7 बजे सेना को भी हटा लिया गया। हिंसक प्रदर्शन के दौरान 105 लोगों को हिरासत में भी लिया गया।
विरोध प्रदर्शन हुआ हिंसात्मक
राजशाही समर्थक कल सुबह से ही संयुक्त संघर्ष समिति के तहत बड़ी तादाद में लोग हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग को लेकर सड़कों पर थे। प्रदर्शनकारी तिनकुने क्षेत्र में जमा हुए, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, स्थिति बिगड़ने लगी। प्रदर्शनकारियों ने एक इमारत की खिड़कियां तोड़ी और उसमें आग लगा दी। जब वे सुरक्षा घेरा तोड़ने लगे, तो पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी।
नेपाल बने हिंदू राष्ट्र
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नवराज सुबेदी की संयुक्त आंदोलन समिति ने किया। इसे विवादास्पद व्यापारी दुर्गा प्रसादी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता राजेंद्र लिंगडेन का समर्थन मिला था। समिति की मांग है कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र और संवैधानिक राजशाही में बदला जाए। कई दक्षिणपंथी समूह इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
- TNP NEWS