
कांग्रेस सांसद और केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को संसद परिसर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। यह मुलाकात पूरी तरह औपचारिक ही नहीं रही, बल्कि इसमें कामकाज के साथ-साथ हल्का-फुल्का मजाक, भाई-बहन जैसी नोकझोंक और खाने-पीने का दिलचस्प दौर भी देखने को मिला।
केरल की सड़कों पर हुई गंभीर चर्चा
प्रियंका गांधी इस मुलाकात में केरल से गुजरने वाली छह प्रमुख सड़क परियोजनाओं को लेकर गडकरी से बातचीत करने पहुंची थीं। उन्होंने वायनाड और आसपास के इलाकों में बेहतर सड़क कनेक्टिविटी की जरूरत पर जोर दिया।
नितिन गडकरी ने ध्यान से उनकी बातें सुनीं और साफ शब्दों में बताया कि इनमें से कुछ परियोजनाएं केरल सरकार के अधीन आती हैं, इसलिए केंद्र सरकार सीधे उन्हें नहीं संभाल सकती। हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो परियोजनाएं केंद्र के दायरे में आती हैं, उन पर वे जरूर गौर करेंगे।
राहुल गांधी का जिक्र और भाई-बहन वाला मजाक
बैठक के दौरान माहौल उस वक्त और हल्का हो गया जब नितिन गडकरी ने प्रियंका गांधी के छोटे भाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का जिक्र किया।
गडकरी ने मुस्कराते हुए कहा कि राहुल गांधी हाल ही में उनसे रायबरेली की सड़कों को लेकर मिलने आए थे। फिर मजाकिया अंदाज में बोले-“भाई का काम तो कर दिया, अब अगर बहन का काम न करूं तो आप कहेंगी कि नहीं किया।” उनकी इस बात पर प्रियंका गांधी समेत कमरे में मौजूद सभी लोग हंस पड़े और माहौल काफी दोस्ताना हो गया।
चुनावी इशारा और आत्मविश्वास भरा जवाब
प्रियंका गांधी ने भी मुस्कराते हुए कहा कि जिन परियोजनाओं पर अभी राज्य सरकार के कारण काम नहीं हो पा रहा है, उन पर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद विचार किया जाएगा। केरल में आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उनका यह बयान राजनीतिक तौर पर भी अहम माना जा रहा है।
राजनीति के बीच खाने-पीने का मजेदार पल
इस मुलाकात की सबसे खास बात रही खाने-पीने की व्यवस्था। नितिन गडकरी ने खुद बताया कि उन्होंने यूट्यूब वीडियो देखकर चावल से बना एक खास व्यंजन तैयार किया था।
उनके ऑफिस में आने वाले सभी मेहमानों को चटनी के साथ चावल के गोले परोसे गए। जब प्रियंका गांधी वहां पहुंचीं, तो गडकरी ने उनसे खास तौर पर उस व्यंजन को चखने का आग्रह किया। प्रियंका गांधी और कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी बातचीत करते हुए उस व्यंजन का स्वाद लेते नजर आए।
सौहार्द और संवाद की मिसाल
यह मुलाकात दिखाती है कि राजनीति में मतभेद होने के बावजूद संवाद, सम्मान और सौहार्द कायम रह सकता है। कामकाज, हंसी-मजाक और साधारण मानवीय पलों से भरी यह बैठक संसद की गंभीर राजनीति के बीच एक अलग और सकारात्मक तस्वीर पेश करती है।
Saurabh Dwivedi


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