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गोवा के चर्चित नाइटक्लब आग कांड में आरोपी गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को थाईलैंड से भारत लाने के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ट्विंकल चावला ने दोनों आरोपियों को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजने की अनुमति दे दी। अब गोवा पुलिस दोनों को दिल्ली से गोवा ले जाएगी, जहां उनसे इस मामले में विस्तार पूछताछ की जाएगी।
गोवा पुलिस ने मांगी थी 3 दिन की रिमांड
गोवा पुलिस ने अदालत से तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने दो दिन की अनुमति ही दी। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि आरोपियों को जल्द से जल्द हवाई मार्ग से गोवा ले जाया जाएगा ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके।
थाईलैंड से प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तारी
इससे पहले मंगलवार को दोनों आरोपियों को थाईलैंड से प्रत्यर्पित किया गया था। भारत पहुंचते ही गोवा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, मेडिकल जांच कराई और कड़ी सुरक्षा के बीच दो अलग-अलग पुलिस वाहनों में अदालत लाया गया।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 6 दिसंबर को गोवा के नॉर्थ गोवा इलाके में स्थित मशहूर नाइटक्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ से जुड़ा है। उस दिन नाइटक्लब में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
इस हादसे के बाद नाइटक्लब के को-ओनर गौरव और सौरभ लूथरा के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या लापरवाही जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
जांच एजेंसियों का कहना है कि नाइटक्लब में आग से बचाव के जरूरी नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे हादसा और ज्यादा भयावह हो गया।
आग लगते ही देश छोड़कर भागे आरोपी
जांच में सामने आया है कि नाइटक्लब में आग लगने के कुछ ही घंटों बाद गौरव और सौरभ लूथरा 7 दिसंबर की तड़के गोवा से थाईलैंड के फुकेत भाग गए थे।
जब गोवा पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें आग बुझाने और लोगों को बचाने में जुटी थीं, उसी समय दोनों ने थाईलैंड जाने की फ्लाइट टिकट बुक कर ली थी।
इंटरपोल नोटिस और पासपोर्ट रद्द
भारत से फरार होने के बाद दोनों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया। इसके साथ ही दोनों के पासपोर्ट भी रद्द कर दिए गए।
फुकेत में ऐसे हुई गिरफ्तारी
गौरव और सौरभ लूथरा फुकेत के पातोंग इलाके में रह रहे थे। उन्हें उस समय हिरासत में लिया गया जब वे एक इंडियन फूड जॉइंट से खाना लेने बाहर निकले थे।
भारत सरकार के अनुरोध पर 11 दिसंबर को थाईलैंड के अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया। इसके बाद बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास और अन्य एजेंसियों के सहयोग से दोनों को भारत लाया गया।
Saurabh Dwivedi




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