संविधान दिवस के मौके पर बुधवार को संसद के केंद्रीय हाल में एक बड़ा आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी। उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री और कई सांसद भी मौजूद रहेंगे।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष देंगे संबोधन
बता दें कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। इसी को स्मरण करते हुए 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान के कुछ हिस्से उसी समय लागू हो गए थे, जबकि बाकी प्रावधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुए, जब भारत आधिकारिक रूप से गणराज्य बना।
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्रपति मुर्मु संबोधन देंगी, उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष और फिर उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करेंगे।
नौ भाषाओं में संविधान का डिजिटल लोकार्पण
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग ने संविधान के नौ भारतीय भाषाओं में अनुवाद तैयार करवाए हैं। इनमें मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, उड़िया और असमिया शामिल हैं। कार्यक्रम में इन सभी भाषाओं में संविधान के डिजिटल संस्करण को जारी किया जाएगा।
पहली बार कश्मीरी में पूरा संविधान उपलब्ध
यह पहली बार जब कश्मीरी भाषा में पूरे संविधान का आधिकारिक संस्करण जारी किया जाएगा। साथ ही “भारत के संविधान में कला और कैलिग्राफी” नामक एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी। इस आयोजन में प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति भी उपस्थित रहेंगे।
नागरिकों के लिए भी विशेष सहभागिता
जनसामान्य को भी कार्यक्रम से जुड़ने का अवसर दिया गया है। लोग MyGov.in और constitution75.com पर लॉग-इन करके संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पठन कर सकते हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर ‘हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान’ थीम के तहत ऑनलाइन क्विज, ब्लॉग और निबंध प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
- YUKTI RAI



